विश्व आदिवासी दिवस पर 6 डीजे के साथ निकला हजारों ग्रामीणों का विशाल जुलूस, शहर में 12 स्थानों पर किया पुष्पवर्षा कर स्वागत

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हरीश राठौड़, पेटलावद
विश्व आदिवासी दिवस पर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन द्वारा एतिहासिक जुलूस निकाला गया जो कि कॉलेज ग्राउंड से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गो से निकला। यात्रा में लगभग 20 हजार से अधिक ग्रामीणजन शामिल थे अधिकांश लोगों ने अपने हाथों में तीर-कामठी, भाला, तलवार, लाठी या अन्य कोई साधन ले रखा था। इसके साथ ही जुलूस में जयस के झंडे लेकर भी युवा चल रहे थे। इसके साथ ही पूरे जुलूस में तिरंगा लेकर भी कुछ युवा चल रहे थे। पूरे जुलूस में 6 डीजे चल रहे थे, लगभग आधा किमी लंबे जुलूस में हर कोई डीजे की धुन पर नाचता गाता चल रहा था। मुख्य रूप से इस जुलूस में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। महिलाएं भी नाचती गाती चल रही थी। महिलाओं के लिए एक डीजे अलग से था। उत्साह और भीड़ इतनी अधिक थी कि नगर की सडक़ों पर आज केवल जनसमुदाय ही दिखाई दे रहा था। यह स्थिति दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम तक रही।
मंच लगाकर स्वागत.
जुलूस का स्वागत विभिन्न स्थानों पर मंच लगाकर किया गया, विभिन्न संगठनों, समाजों और पार्टियों द्वारा जुलूस का स्वागत पुष्पवर्षा कर किया गया। नगर में विभिन्न स्थानों पर मंच लगे हुए थे ओर स्वागत का किया जा रहा था। आज की इस जुलूस को लेकर कुछ नेतागण भी सक्रिय दिखे जिसे आगामी चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
सभा का आयोजन-
जुलूस के पहले स्थानीय कॉलेज ग्राउंड पर सभा का आयोजन किया गया। सभा सुबह 12 बजे से प्रारंभ हुई जिसमें अनेक वक्ताओं द्वारा अपने विचार रखे गए तथा आदिवासी समाज के विकास और उत्थान की बात कहीं गई। वहीं विश्व आदिवासी दिवस के महत्व को बताते हुए आदिवासी के शोषण को रोकने और उन पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वक्ताओं ने बताया कि आदिवासियों में फूट डाल कर तोड़ा जा रहा है। इसके लिए आदिवासियों को एकजुट होना होगा।
यातायात व्यवस्था ध्वस्त-
आदिवासी दिवस के आयोजन को लेकर प्रशासन की तैयारियां भी प्रश्नचिन्ह लगे। क्योंकि प्रशासन द्वारा माकूल व्यवस्था नहीं की गई, जिस कारण से नगर का यातायात घंटों तक अव्यवस्थित रहा। गिने चुने पुलिस वाले व्यवस्था संभाल रहे थे जो कि उनके लिए संभव नहीं था। कॉलेज ग्राउंड के बाहर भारी भीड़ होने के बाद भी स्टेट हाईवे से बड़े वाहन और यात्री बसें निकल रही थी जिस कारण सभी को परेशानी का सामना करना पड़ा। आयोजन का वृहद रूप देखते हुए प्रशासन को यातायात व्यवस्था को अन्य मार्गो से निकालने की योजना बनानी थी किंतु धरातल पर कोई व्यवस्था नहीं दिखी जिस कारण यात्री व वाहन चालक घंटों खड़े रहकर परेशान दिखाई दिए।

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