वर्तमान में जीने का विशिष्ट प्रयोग है ध्यान साधना- मुनिश्री पृथ्वीराज

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
वर्तमान में जीने का विशिष्ट प्रयोग है ध्यान साधना। ध्यान साधना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति तनाव मुक्त होकर वर्तमान क्षण की पहचान कर लेता है। यह तब संभव है जब व्यक्ति साधना के प्रति पूर्ण समर्पित होता है। आस्था के साथ भावपूर्ण क्रिया करने पर ही उसे कुछ उपलब्धी हो सकती है। निश्चिंतता की अनुभूति करने वाला ही ध्यान की गहराई में जा सकता है। यह विचार श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमणजी के सुशिष्य तपोूर्ति मुनिश्री पृथ्वीराज जसोल ठाणा-3 ने व्यक्त किए।
आचार्य श्री तुलसी मार्गपर स्थित डालिम विहार तेरापंथ भवन में मुनिश्री पृथ्वीराज जसोल के सानिध्य व समण्श्री सिद्धप्रज्ञजी के निर्देशन में तीन दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर की शुरूआत गुरुवार को हुई थी। शिविर के शुभारंभ के अवसर पर आप धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। यह शिविर 24 सितंबर तक चलेगा। इंदौर से समागत समण साधक समण सिद्धप्रज्ञ ने कहा स्थूल शरीर से सूक्ष्म शरीर की यात्रा का नाम है ध्यान साधना। जीवन सभी जीया करते है किंतु कलात्मक जीवन ही जीवन है। ध्या के द्वारा जीवन को परिवर्तित और परिष्कृत किया जा सकता है। बशर्ते अभ्यास और प्रयोग में निरंतरता हो। आज का इंसान बीजी, तेजी और के्रजी बनता जा रहा है। आवश्यकता है वह ईजी (सरल) बने। सरलात्मा ही परमात्मा तक पहुंचने में कामयाब होते है। मुनिश्री चेतन्य कुमार अमन ने कहा स्वयं के द्वारा स्वयं की प्राप्ति ध्यान साधना से ही संभव हैै। स्वयं की प्राप्ति यानि सत्य की प्राप्ति, आत्म तत्व की प्राप्ति। जब व्यक्ति को असली तत्व की प्राप्ति होती है फिर वह कभी नकली में उलझता नही है। अत: ध्यान साधना के द्वारा स्वयं को प्राप्त करने का प्रयास करते रहे। मुनिश्री अतुल कुमार ने समधुर गीत के संज्ञान के साथ अपने मन को बाहर से भीतर लाने का प्रयास करे। ऐसे ही विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुनिश्री पृथ्वीराज जसोल के नवकार महामंत्र के उच्चारण एवं साधकों ध्यान की उपसंपदा स्वीकार करवाई। कार्यक्रम में श्रीमती समता भंडारी ने प्रेक्षाध्यान गीत के संज्ञान से मंगलाचरण किया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। समण सिद्धप्रज्ञ ने कायोत्सर्ग ध्यान साधना का प्रयोग करवाया। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री राजेश वोरा ने किया।
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