..लो आ गया मानसून; सावन की तरह रातभर बरसते रहे बदरा; किसानो ने शुरू की बोवनी..

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सलमान शेख। पेटलावद
शहर सहित समूचे अंचल पर मौसम की मेहरबानी नजर आने लगी है। रात में हुई क्षैत्र में झमाझम और रिमझिम बारिश से नदियो और तालाबो में पानी बढ़ गया। बारिश ने मौसम में ठंडक घोलने का काम भी किया। रिमझिम ने जहां मौसम खुशनुमा बना दिया वहीं वातावरण में ठंडक भी घुल गई। हालांकि दोपहर होते-होते फिर उमस ने लोगो को पसीना-पसीना किया। कई जगह कीचड़ और गड्डो से पटी सडक़ो ने लोगो को जरूर परेशान कर दिया।
अमृत जैसी लग रही है बारिश-
सूखे की आशंका से जूझ रहे लोगो के लिए अभी बारिश अमृत जैसी लग रही है। इससे किसानो को तो बहुत बड़ी राहत मिली ही है, लगातार गिर रहे जलस्तर से परेशान जनमानस को भी परेशानी से छुटकारा मिल गया है। पूरी रात नगर सहित अंचल में बारिश होती रही। हालांकि कहीं भी इस वजह से असुविधाजनक स्थिति नही बनी।
किसानो ने शुरू की बोवनी-
दो इंच बरसात के बाद किसानो के चेहरो पर खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान खरीफ फसल के लिए खेतो में बोवनी कार्य में जुट चुके है। किसानो का कहना है कि इस समय एक तेज बारिश की आवश्यकता है, जिससे बोवनी का कार्य पूर्ण हो सके। कई किसानो ने बोवनी भी कर दी है। वहीं क्षैत्र में टमाटर और मिर्ची की फसल की भी बोवनी की जाती है, तो उसके लिए क्यारियों में रोप भी तैयार कर लिए गए है। केवल अच्दी बारिश का इंतजार है। ताकि बोवनी हो सके।
नपं की लापरवाही के कारण दरगाह पहुंच मार्ग उखड़ा-
पिछले वर्ष झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री रहे विश्वास सारंग के नदी सौंदर्यीकरण कार्यक्रम में हजरत ओढ़ी वाले बाबा की दरगाह पहुंच मार्गो को बड़े-बड़े डंपरो ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। नदी का सौंदर्यीकरण तो हुआ नही, लेकिन सीमेंट कांक्रिट सडक़ जरूर सुंदर दिखने लगी। लगातार शिकायतो के बाद भी नपं ने इस ओर ध्यान नही दिया और इसी का नतीजा रहा कि जरा सी बारिश में ही रोड़ का क्षतिग्रस्त हिस्सा उखडक़र नदी में बह निकला। यहां के रहवासियो ने इस रोड़ को जल्द ही रिपेयर करने की मांग की है, क्योकि हर गुरूवार को यहां बड़ी संख्या में सभी धर्मो के अनुयायी दर्शन करने के लिए पहुंचते है, जिसमें महिलाओ और बच्चो की संख्या अधिक रहती है, ऐसे में अगर यहां कोई बड़े हादसे की आशंका है। जिसके जिम्मेदार स्वयं नगर परिषद के जिम्मेदार रहेंगे।
तहसील कार्यालय के पास भराया पानी-
शहर में रात में हुई बारिश के कारण रायपुरिया-पेटलावद मार्ग पर स्थित तहसील कार्यालय को पानी ने एक ओर से घेर लिया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यहां जबरदस्त जलभराव हो गया। इससे वहां गुजरने वालो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां पर पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। इसलिए आम लोग इस कार्यालय से दूर ही रहे।
रातभर में 2 इंच बरसा पानी-
रात से सुबह 8 बजे तक कुल 51.4 मिमी यानि 2 इंच बारिश दर्ज की गई। क्षैत्र में अभी तक 94.4 मिमी यानि करीब 4 इंच बारिश हो गई हैं। वहीं पिछले साल आज तक कुल 48.6 मिमी यानि करीब 2 इंच बारिश ही हो पाई थी। अगर पिछले वर्ष की तुलना की जाए तो इस वर्ष 2 इंच बरसात ज्यादा हुई है। वहीं पिछले वर्ष कुल 613.2 मिमी यानि 24 इंच बारिश ही क्षैत्र में हो पाई थी। जबकि औसत बारिश का आंकड़ा क्षैत्र में 31 इंच का है, लेकिन पिछले वर्ष यह आंकड़ा भी पार नही हो पाया था।

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