लागत मूल्य पर मिली दुकाने अब पांच गुना महंगी बिकने लगी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट- 

सब्जी मंडी के नाम पर बनाई दुकाने, वर्तमान में इस काम्पलेक्स को देखा जाए तो महगे दामो पर बिक चुकी ये दुकाने कई प्रभावशालियों के कब्जे में होकर गरीब दुकानदारो को चिढाती हुई नजर आ रही है। सब्जी मंडी के नाम पर इन दुकानो पर कई प्रभावशालियों ने अवैध रूप से कब्जे जमा लिये है। जिसका रिकार्ड खुद परिषद कार्यालय में नही है। बताया जाता है कि जिन्हाने आगे दुकाने ली थी उन्हाने अपने प्रभाव एव महगे दामो में सब्जी मंडी के नाम पर बनी दुकानो को खरीद कर एक कर लिया है। गोदाम और रहवासी इलाका बनी दुकानेबताया जाता है कि लागत मुल्य पर दी गई ये दुकाने आरक्षित वर्ग को भी नही मिली है। जिसके चलते उनको अपने हक से वंचित रहना पड रहा है। सब्जी मंडी के नाम पर बनी 28 दुकानों में कोई सब्जी वाला तो नजर नही आती ,लेकिन कुछ जरूरतमंदो को जरूर व्यवसाय मिला है । लेकिन आधे से ज्यादा पर गोदाम और रहने के लिये कपडो को सु़ख़ाने के काम आ रही है। पंाच गुना मंहगे दामो पर बिकी दुकानेनगर परिषद के बीते दस वर्षो का लेखा जोखा देखा जाए तो ऐसे लोगो को दुकाने दी गई है जिनके नाम से पहले से कई दुकाने है। ऐसे लोग अपनी दुकानो को किराये पर या रिश्तेदारो को बिठाकर गरीब दुकानदारो का मजाक उड़ाते नजर आ रही है। लागत मूल्य 72 हजार में दी गई ये दुकाने अब पांच गुना महगी बिक रही है। ऐसे में नगर परिषद की लापरवाही चलते छोटे तबके के लोग आज भी परेशान हो रहे है।

जिम्मेदार बोले:-में अभी आया हूं मामला मेरे संज्ञान में नही है। मामले की जानकारी निकालकर उचित कार्रवाई की जाएगी। -प्रियंक पंड्या, सीएमओ, नगर परिषद  

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