मुख्यमंत्री की घोषणा का तीन साल बीतने के बाद भी अमल नहीं, कॉलेज के विद्यार्थी अब भी परेशान

0

हरीश राठौड़, पेटलावद

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल, न ही प्रभारी मंत्री के निर्देशों का पालन और न ही विधायक के भूमिपूजन के बाद कोई, असर ये स्थिति है पेटलावद के शासकीय महाविद्यालय की। यहां मुख्यमंत्री ने रसायन शास्त्र और भूगोल विषय के लिए स्नातकोत्तर शालाएं खोलने की घोषणा 28 अगस्त 2015 में की थी, किंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
प्रभारी मंत्री ने महाविद्यालय का दौरा कर निर्देश देते हुए महाविद्यालय भवन को सुधरवाने का कार्य प्रारंभ करवाने की बात कहीं थी। बालिकाओं के लिए एक शौचालय निर्माण का भूमिपूजन विधायक द्वारा करवाया गया था। आज तक उनके एक भी निर्देश का पालन नहीं हुआ है और न ही शौचालय निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है।

21 में से 5 भरे हुए, प्राचार्य नहीं
पेटलावद महाविद्यालय के लिए 1 प्राचार्य, 2 प्राध्यापक, 17 सहायक प्राध्यापक, 1 क्रीड़ा अधिकारी और 1 ग्रंथपाल का पद स्वीकृत है। पेटलावद में प्राचार्य नहीं है, वहीं प्राध्यापक भी नहीं है केवल 5 सहायक प्राध्यापक है। जबकि क्रीड़ा अधिकारी का पद 1990 से खाली बताया जा रहा है। बाकी खाली पद भी वर्षो से नहीं भरे गए है। लेखापाल का 1 पद, सहायक ग्रेड 2 का 1 पद और सहायक ग्रेड 3 के 2 पद भी रिक्त पड़े हुए है। इस स्थिति में आखिर महाविद्यालय में विद्यार्थी क्या पढ़ते होंगे? इस महाविद्यालय में 1450 छात्र पढ़ते है। उनका भविष्य आखिर किस के भरोसे पर है। यहां तक की विज्ञान संकाय के लिए लेब तक की व्यवस्था ठीक ढ़ग से नहीं की गई।
विद्यार्थी नाराज
इन सब परिस्थितियों से महाविद्यालय के छात्र नाराज है। छात्र संघ अध्यक्ष पलक भंडारी का कहना है कि केवल प्रभारी प्राचार्य का पद बदला है, इसके अलावा कोई घोषणा या निर्देश का पालन नहीं किया गया है। यहां तक की जनभागीदारी समिति की बैठक का आयोजन भी नहीं किया गया है। जिस कारण से कोई भी कार्य नहीं हो पाया है। प्रभारी मंत्री के आने से एक विश्वास जगा था, किंतु एक माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से फिर विद्यार्थियों का विश्वास टूटा।
घोषणाएं अधूरी
छात्र नेता आशीष मूथा ने बताया कि 28 अगस्त 2015 में अत्योदय मेले का आयोजन पेटलावद में किया गया था, जहां मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पेटलावद महाविद्यालय में भूगोल और रसायन शास्त्र की स्नातकोत्तर कक्षाएं खोलने की घोषणा की थी। इस घोषणा के संदर्भ में कॉलेज प्रशासन द्वारा कई बार लिखा-पढ़ी की गई, किंतु आज तक कक्षाएं प्रारंभ नहीं हो पाई। इसके साथ ही स्टाफ की भी कमी है। और हमेशा प्रभारी प्राचार्य ही यहां पदभार संभाल रहे है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.