मां भद्रकाली की मूर्ति तीन बार बदली है रुप

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर में बुधवार से चैत्र नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होगा, जिसके लिए सभी घरों में तैयारियां चल रही है। वही विशेष रूप से इस बार पेटलावद रायपुरिया मार्ग के मध्य स्थित मां भद्रकाली माताजी मंदिर पर विशेष तैयारियां की जा रही है, जहां पर विशेष विद्युत साज सज्जा के साथ गरबों का आयोजन भी रखा गया है। वहीं मंदिर जीर्णोद्धार समिति द्वारा रायपुरिया से माताजी मंदिर तक एक विशाल कलश यात्रा आज बुधवार को निकाली जाएगी और पर्व का शुभारंभ किया जाएगा। 8 दिवसीय मेले का आयोजन भी समिति द्वारा रखा गया।
प्रथम प्रयास-
मां भद्रकाली माताजी मंदिर जीर्णोद्धार समिति ने प्रथम प्रयास करते हुए चैत्र नवरात्रि उत्सव का शुभारंभ किया है जिसमें 8 दिवसीय मेले के साथ पर्व मनाया जाएगा. प्रतिदिन रात्रि में गरबों का आयोजन रखा गया है। समिति इस प्राचीन मंदिर को जीर्णोद्धार कर इस एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहती है। यह स्थल नगर से लगभग 3 किमी दूर पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर के सामने से गहरी खाई में पंपावती नदी भी बहती है जो की मंदिर की सुंदरता और अधिक बढ़ा देती है किंतु इसके विकास को लेकर आज तक कोई यङ्क्षजना नहीं बन पाई है. जिसे लेकर रायपुरिया क्षेत्र के ग्रामीणों और अन्य लोगों से सहयोग लेकर मंदिर जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ करने का प्रयास प्रारंभ किया है जिसके चलते इस बार आयोजन कर अधिक से अधिक लोगों ने निर्माण कार्य के लिए जोड़ा जाना उद्देश्य बनाया गया है।
नवरात्रि में पैदल जाते हजारों लोग
दोनों ही नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए पेटलावद,रायपुरिया, अनंतखेड़ी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन सुबह व शाम के समय पैदल दर्शन करने जाते है जिसका क्रम मंगलवार से ही प्रारंभ हो गया है। इसके साथ ही नवरात्रि में बाहर से भी हजारों भक्त दर्शन करने आते है।
चमत्कारिक मूर्ति-
मां भद्रकाली के इस प्राचीन मंदिर में जो माताजी की मूर्तियां है वह चमत्कारी है। श्रद्धालुओं का मानना है कि दिन में माताजी मूर्तियां तीन बार स्वरूप बदलती है, सुबह के समय बाल अवस्था तो दोपहर में युवा अवस्था और शाम के समय वृद्धा अवस्था में माताजी दर्शन देते है इन सब बातों को लेकर श्रद्धालुओं की श्रद्धा यहां जुडी हुई है।

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