महीनों से डॉक्टर के अभाव में त्रस्त हुए मरीजों ने बनाया पंचनामा

0
-अस्पताल में पहुंचकर ग्रामीणों ने मरीजो से हस्ताक्षर करवा कर पंचनामा बनाया.

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
ग्राम बेकल्दा का स्वास्थ्य केंद्र भगवान भरोसे चल रहा है। जुलाई 2017 से यहां कोई डाक्टर नहीं है किंतु कोई सुनने वाला नहीं है यहां पदस्थ डाक्टर महीनों में एक बार आती है केवल हस्ताक्षर करने के लिए. जिस पर ग्रामीणों में आक्रोश है। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने मंगलवार को एक पंचनामा बनाया जिसमें स्पष्ट लिखा गया कि पिछली जुलाई 2017 से गांव में कोई डाक्टर या एएनएम नहीं आ रहे है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों शिकायते ब्लाक स्तर से लेकर मुख्यमंत्री तक की जा चुकी है किंतु सुनने वाला कोई नहीं है तथा जो डाक्टर पदस्थ है उसे भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की यह हठधर्मिता ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है जिसे लेकर ग्रामीण अब आंदोलन का रूख अपनाने को तैयार है। उनका कहना है कि हम हर आठ दिन में पंचनामा बनाएगें तथा शासन को भेजेंगे आखिर शासन प्रशासन कुंभकर्ण की नींद से कभी तो जागेगा। ग्रामीण अमर सिंह का कहना है कि जिला के कलेक्टर फलिया नू जात्रा कार्यक्रम निकाल रहे है और ग्रामीणों की समस्या जानने की कोशिश कर रहे है किंतु जो समस्या सामने है उसे हल करने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं कर रहे है?
इलाज के लिए भटकते ग्रामीण.
स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे है वहां एक ओर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेकल्दा में 12 उपस्वास्थ्य केंद्र शामिल होते हुए भी वर्तमान में कोई सुविधा नहीं है. ड्रेसर एवं वार्डबाय के भरोसे पूरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है यहां डॉक्टर का पद होते हुए भी डॉक्टर नहीं है,एएनएम एवं कंपाउंडर का पद भी रिक्त है ध्से में ग्रामीणों को 25 किमी दूर पेटलावद इलाज करवाने आना पड़ता है। साथ ही डिलीवरी पांइट स्वीकृत होते हुए भी बंद पड़ा है। ऐसे में डिलीवरी के लिए भी पेटलावद जाना होता है जिससे कभी कभी रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है। कई बार ग्रामीणों द्वारा झाबुआ जनसुनवाई और पेटलावद में शिकायत की गई किंतु आज तक कोई भी सुविधा और डॉक्टर या एएनएम उपस्थित नहीं हुए। बेकल्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 6 ग्राम पंचायत की जनसंख्या भी जुड़ी है साथ ही बेकल्दा में भी 3450 जनसंख्या निवासरत है। ऐसे में शासन द्वारा उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि बेकल्दा स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि जुलाई से डॉक्टर किरण काग को यहां पदस्थ किया गया है किंतु वे जुलाई के बाद आज जनवरी 2018 में दिखाई दी है, जो कि मात्र हस्ताक्षर करने के लिए आई थी इसके अलावा आज तक डॉक्टर यहां नहीं आए है। इस संबंध में बीएमओ डॉ उर्मिला चोयल से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि डॉक्टर नहीं आती है इस बारे में उच्चाधिकारियों को सूचित किया जा चुका है उनकी तनख्वाह नहीं निकाली जाएगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.