झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पुरातन समय से मध्यस्थता के माध्यम से विवादो का निराकरण होता रहा है। महाभारत काल में अर्जुन और दुर्योधन के बीच विवाद को समाप्त कराने के लिए भगवान श्रीकृष्ण मध्यस्थ बने थे तो रामायण काल में राम और रावण के बीच अंगद ने मध्यस्थता का प्रयास किया था। उक्त बात पेटलावद न्यायाधीश वर्ग 1 अनिल कुमार चौहान के द्वारा मंगलवार को स्थानीय शासकीय महाविद्यालय में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किये। न्यायाधीश चौहान ने उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए मोटर व्हीकल एक्ट एवं आरटीआई कानून सहित भादवि की विभिन्न धाराओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम को अभिभाषक संघ अध्यक्ष अमृतलाल व्होरा एवं जितेन्द्र जायसवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जे पी पाटीदार, डॉ किशोर एल्डे, प्रोफेसर अरूण कटारा, मंगला शर्मा, चैनसिह कोरट, मुकेश कटारा, एवं न्यायालयीन कर्मचारी सुनील सिसौदिया सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालयीन छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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