सलमान शेख@पेटलावद
इन दिनों अगर कोई किसी से परेशान है तो वह है विविकं की तानाशाही रवैये से, विविकं के कर्मचारियों के तानाशाही रवैया आमजन पर भारी पड़ रहा है।
आज सोमवार को जब ग्राम खामड़ीपाड़ा के रहने वाले नन्दू मालवी जिन्हें हर माह कभी 4 हजार तो कभी 2500 का बिल थामा जा रहा था, जब वे विविकं इसकी शिकायत के लिए पहुंचे तो विविकं में बैठे कर्मचारी बलराम पाटीदार ओर मेघराज पाटीदार उनके साथ अभद्र व्यवहार करने लगे, जब उन्होंने ओर उनके पुत्र ने इसका विरोध किया तो कर्मचारी मारपीट पर उतर आए और नन्दू के सिर पर पत्थर से हमला कर दिया, जिसके कारण वह वहीं गिर गए, इसके बाद सभी कर्मचारी वहां से फरार हो गए।
पुत्र पंकज मालवी ने डायल 100 को बुलाया इसके बाद डायल 100 से उन्हें थाने ले जाया गया, जहां रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उन्हें हॉस्पिटल उपचार के लिए ले जाया गया।
*बड़ा सवाल? इन्हें किसने दिया मारपीट का अधिकार:*
अब बड़ा सवाल यह है कि इन लापरवाह ओर निक्कमे कर्मचारियों को किसने उपभोक्ताओं के साथ मारपीट करने का अधिकार दे दिया। यहां विविकं के उपयंत्री और कोई जिम्मेदार अफसर का न होना बड़ी लापरवाही दर्शाता है। जिसके कारण ये लापरवाह कर्मचारी खुद अपने आप को अधिकारी समझ रहे है।
*आखिर हम खाएंगे क्या??*
पीड़ित नन्दू ने चर्चा में बताया हमारे घर पर न तो फ्रिज कूलर है न ही टीवी फिर भी हजारो रुपए का बिल थमा दिया है। हमारा परिवार मजदूरी करके जीवन यापन कर रहा है। मजदूरी करकर बच्चों को पाल रहे हैं। अगर हजारो रुपए महीने का बिजली बिल ही भर देंगे तो खाएंगे क्या। परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे।
उन्होंने अधिक बिजली बिल आने का विरोध करते हुए मनमाने बिल वसूलने का आरोप अफसरों पर लगाया।
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