बाल्टी से पानी पिलाकर पेड़ों को सींच रहे बुजुर्ग बदरूबा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
तपन भरी दोपहरी में बरवेट पेटलावद मार्ग पर यदि कपंकपाते हाथों में पानी से भरी बाल्टी और झुर्रिया भरे चेहरे पर मुस्कहराहट लिए बुजुर्ग बद्रीलाल पाटीदार अपनी ऊंची सोच और जज्बे को लिये परमार्थ के कार्यो में समय व्यतीत कर पेड पौधों को सींच रहे हैं। जी हां, हम बात ऐसे ही शख्स की कर रहे है जो तन भले ही बुजुर्ग है लेकिन मन और कर्म से किसी भी जवान की सोच को पीछे छोड़ता नजर आएगा। तन को चुभती इस गर्मी में अच्छे से अच्छा व्यक्ति कूलर-पंखे और प्राकृतिक छांव को तलाशता है ऐसे समय में बरवेट-पेटलावद मार्ग श्मशान घाट स्थल दोनों जगहों पर प्रतिदिन पौधों को पानी पिलाने का यदि कोई कार्य निस्वार्थ भाव से पूरी तन्मयता से कर रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाने और चहुंओर हरियाली लाने के लिए पिछले कई वर्षो से ग्राम के इस किसान को इसी क्षेत्र में कार्य करता हुआ देखा जा सकता है। आज स्थिति यह है कि कई धार्मिक स्थानों के साथ मुख्य मार्ग पर कई हरे भरे पेड़ बदरू बा के मेहनत और लगन के बल पर इठला रहे है। दोपहर की 12 बजे के करीब यह बुजुर्ग मुक्तिधाम पर पानी पिलाने का कार्य अपने अंदाज में कर रहा था। हाथ में बाल्टी लिये नदी-नालों और कुएं-हैडपंपो से पानी लाकर एक एक पौधे को पानी पिलाना यही दिनचर्या का हिस्सा बन गया है।
बुजुर्ग का जुनून
मौसम को चुनौती देकर अपने जुनून को जिंदा रखने में कामयाब दिख रहे इस बुजुर्ग से जब बातचीत की गई तो बिना लाग लपेट के बताया कि वह यह कार्य किसी लालच और स्वार्थ के लिए नहीं कर रहे है। बल्कि उनकी सोच है कि उनके यह कार्य उनकी अगली गति सुधारने में सहायक होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि पर्यावरण के नाम पर जहां एक और दिखावा हो रहा है वही इस बुजुर्ग के कार्य प्रेरणादायी है। ऐसे पर्यावरण प्रेमी का तो जिला स्तर पर सम्मान होना चाहिए।

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