सलमान शैख़, पेटलावद
होली आने में भले ही अभी 20 दिन शेष हो, लेकिन रंगों के इस पर्व को मनाने के लिए शहर में परंपरागत तरीके से शुरुआत हो चुकी है। कई मोहल्लों में अभी से होली के डांडे गड़ चुके हैं। तो हिंदू उत्सव समिति के माध्यम से सार्वजनिक होली उत्सव समिति भी आकार लेने लगी है।
इधर, शहर के राजापुरा सहित अन्य क्षेत्रों में रहवासियों ने परंपरा निभाते हुए माघी पूर्णिमा पर चौराहे पर होली के डांडे को गाड़ भी दिया है।
20 से 25 मार्च तक उड़ेंगे रंग-गुलाल:
20 मार्च को होलिका का दहन होगा। 21 मार्च को धुलेंडी और 25 मार्च को रंगपंचमी मनाई जाएगी। पुरानी परंपरा के अनुसार होली के डांडा गाढऩे के बाद विवाह लग्न नहीं होते हैं। लेकिन इस बार डांडा गढऩे के बाद भी विवाह मुहूर्त होने से शादी जैसे शुभ कार्य हो रहे हैं। शहर में होली से रंगपंचमी तक पूरे पांच दिन होली खेलने की परंपरा है। 20 से 25 मार्च तक होली उत्सव समिति के बैनर तले परंपरा इस बार निभाई जाएगी। रंगारंग कार्यक्रम भी पुराने बस स्टैंड पर होंगे।
पंडित नरेंद्र नंदन दवे ने बताया इस बार माघ मास की पूर्णिमा को मंगलवार व माघ नक्षत्र का संयोग शुभ माना जा रहा है। इस मर्तबा 5, 6, 10 व 11 मार्च को विवाह के मुहूर्त है। उन्होंने बताया शुभ लग्न निकल जाने के बाद विवाह होते हैं। पहले मान्यता थी की होली का डांडा गढऩे के बाद विवाह नहीं होते थे, लेकिन अब विवाह होने लगे है। होला अष्टक 13 से 21 मार्च तक लगेगा। इसमें भी विवाह के मुहूर्त है। होली का डांडा गढऩे के बाद विवाह के अलावा अन्य कोई शुभ कार्य नहीं होते हैं।
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