सलमान शैख@ झाबुआ Live
यदि आपके घर या संस्थान में कोई नौकर, ड्राइवर या किराएदार है और अब तक आपने उसकी सूचना थाने में नहीं दी है तो अब जरूर दें। ऐसा न करने पर कहीं आप खुद शहर की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहे हैं। नवागत टीआई सुरेंद्र गाडरिया ने नगरवासियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एक अनूठी पहल शुरू की है। उन्होंने पेटलावद में 15 ही वार्डो में कोन व्यक्ति किसके घर में किराए से रह रहा है, इसकी सूचना पुलिस को देने की अपील की है। टीआई श्री गाडरिया ने बकायदा इसके लिए एक प्रोफार्मा तैयार कराया है, जिसे पुलिस जवान हर वार्ड में घरों-घर वितरित करने में लगे हुए है।
गौरतलब है कि नगर में किस मकान में कौन किराएदार रह रहा है, यह जानकारी पुलिस को नहीं है। हालांकि पुलिस थानें में बाकायदा रजिस्टर तो हैं, लेकिन उन रजिस्टरों को अपडेट नहीं किया है। इस कारण से कस्बों में बाहरी लोग बिना जानकारी के निवास कर रहे हैं। वहीं किराए पर रहे बदमाश किसी वारदात को अंजाम देकर भागने में सफल हो जाते हैं। वहीं मकान मालिक भी किराएदार का वेरीफिकेशन व जानकारी देने में रूचि नहीं ले रहे हैं। नगर में इस समय बिहार, यूपी, बंगाल के लोग सराफा बाजार, होटल व दवाखानों पर कार्यरत हैं। क्षेत्र में अपराधों पर रोक लगाने और बाहरी व्यक्तियों पर लगाम के लिए पुलिस को किराएदारों, होटल और ढाबों पर काम करने लोगों की जानकारी एकत्रित करना होता है। कस्बों में संचालित होटल, ढाबा, दुकानों पर करने वाले कामगारों, निजी शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत व्यक्तियों, फार्म हाउस में काम करने वाले लोगों पर पुलिस की नजर नहीं पहुंच पाती है। इससे कई बार अपराधी किस्म के लोग शहर में वारदातें कर जाते हैं। यदि लोग खुद जागरूक होकर उनके यहां किराएदारों की जानकारी पुलिस को देगी तो पुलिस को भी अपराधों पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी।
धारा 188 का हो रहा उल्लंघन-
मकान मालिकों के द्वारा पुलिस को अपने यहां किराएदार रखे जाने की जानकारी नहीं देने पर पुलिस द्वारा धारा 188 के खिलाफ कार्रवाई की सकती है। इसके तहत संबंधित व्यक्तियों को 6 महीने की सजा भी हो सकती है। जानकारी के अनुसार कस्बों में बड़ी संख्या में बाहरी व्यक्ति किराएपर मकानों में रह रहे हैं। मकान मालिकों को इन किराएदारों के बारे में सटीक जानकारी भी नहीं रहती है। कई मकान मालिकों को यह जानकारी नहीं है कि जिस व्यक्ति को मकान किराए पर दिया है, वह कौन है, कहां से आया है और क्या काम करता है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से किराएदारों व कामगारों का वेरीफिकेशन करना और पुलिस के पास पहुंचकर जानकारी देना, मकान मालिक इसको उचित नहीं समझते हैं। यही कारण है कि नगरों में लोगों द्वारा वारदात को अंजाम दे दिया जाता है और पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रहती है।
यह भी ध्यान रखें-
करीबी थाने पर हमारे द्वारा दिए गए इस प्रारूप को भरकर दो प्रति में ले जाएं। चाहे तो फोटोकॉपी करा ले। साथ में नौकर या किराएदार का परिचय पत्र जरूर लगाएं। एक प्रति थाने में जमा होगी और दूसरी आपको सील लगाकर वापस मिल जाएगी।
यह फॉर्म थाने में जमा करें-