दूसरों को सुखी देखकर खुश होने वाला उत्तम प्राणी : मनोज्ञाजी महासती

0

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जो दूसरों को सुखी देखकर खुश रहता है वह उत्तम प्राणी कहलाता है। जो दूसरों को दुखी देखकर खुश रहता है वह अद्दयम प्राणी कहलाता है। अपने सुख के लिए ओरो का सुख नहीं छीने और दान देने में उदारता रखे दान शील तप और भाव जीव का कल्याण करते है। उक्त प्रेरक उदगार स्थानक भवन में विराजित पूज्य मनोज्ञाजी महासती ने प्रियंका चाणोदिया के मास खमण की तपस्या पर आयोजित तप अभिनन्दन समारोह में धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जिस पर नियंत्रण द्वारा ही तप आराधना संभव होती है। पूज्य शिल्पा मसा ने कहा कि शरीर के सामर्थ का उपयोग कर तप आराधना करने से कर्मो की निर्जरा होती है। मंगला चरण गीत खुशी चाणोदियाए हिमांगी कच्छारा ने प्रस्तुत किया। स्वीटी कच्छारा, साधना पितलिया ने स्तवन की प्रस्तुति दी। संयम बम्बोरी ने कहा कि तपस्या आगामी भव को सुधारने का माध्यम है। समाजसेवी रमेश व्यास ने कहा कि अपनी आत्मा के पास निवास करना ही उपवास है। मास खमण तप से संकल्प शक्ति और आत्म शक्ति मजबूत होती है। स्वध्यायी मोहन मेहता ने कहा कि रसना इंद्रिय को नियंत्रित करने से सभी विकार नष्ट होते है। स्वध्यायी सोहनलाल चाणोदिया ने कहा कि ये अनशन तप के द्वारा व्यक्ति अपनी आत्मा के नजदीक पहुचता है मोक्ष पाने का तप एक द्वार है। प्रियंका चाणोदिया के मासखमण की तपस्या का बहुमान 8 उपवास से स्वीटी कच्छारा ने किया संघ की और से अध्यक्ष नरेंद्र कटकानी उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र सोलंकी सचिव जितेंद्र कटकानी कोषाध्यक्ष नरेंद्र भंडारी ने बहुमान किया। महासती के सानिध्य में तपस्याओं का दौर जारी है। उक्त अवसर पर विभिन्न नगरो के श्रद्धालु धर्मसभा में उपस्थित थे। संजना भंडारी के 18 उपवास व अवनि पोरवाल के 8 उपवास के प्रत्याख्यान हुए। प्रभावना का लाभ सोहन लाल कीर्तिश कुमार चाणोदिया परिवार ने लिया। संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.