‘दुनिया चले ना श्रीराम के बिना, रामजी चले ना हनुमान के बिना’..संगीतमय सुंदरकांड में भक्ति से सराबोर हुए भक्त

0

सलमान शैख़@ पेटलावद
धार्मिक नगरी और मां अहिल्या देवी की पावन धरा पेटलावद में शुक्रवार की रात भक्ति से सारोबार रही। सुंदरकांड प्रतियोगिता के लिए लालायित रामप्रेमियों के लिए शुक्रवार की रात प्रभुं श्रीराम स्वयं धरती पर उतर गए। बामनिया रोड़ स्थित सुंदर गार्डन में प्रारंभ हुई विश्व के महान ग्रंथ श्रीसुंदरकांड की चौपाईयाँ जब नगर की हवा में गूंजी तो पूरा वातावरण धर्ममय हो गया।
दरअसल, श्री बजरंग रामायण मण्डल के तत्वाधान में दूसरी बार शहर में अनोखा कार्यक्रम हुआ। जिसमें भव्य सुंदरकांड प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। यह प्रतियोगिता विगत वर्ष सडक़ हादसे में दिवंगत हुए श्री बजरंग रामायण मण्डल के सबसे चहेते सदस्य स्वर्गीय मंगल भट्ट की स्मृति में आयोजित की गई। जिसमें  निमाड़ सहित मालवा अंचल की प्रख्यात संदरकांड मंडली के कलाकारो यहां पहुंचकर भजनों और चौपाई, दोहे का उच्चारण कर हजारों श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत इंदौर से आए अतिथि कैलाश शर्मा, बीडी पुरोहित ने हनुमानजी व सुंदरकांड पुस्तिका का पूजन कर हुई।
कार्यक्रम में सबसे पहले हनुमान चालिसा का पाठ किया गया और उसके बाद किस्किंधा कांड कैलाश शर्मा द्वारा किया गया। इसके बाद छह मंडलों ने कार्यक्रम अनुसार तय क्रम में 30 मिनट में 10 दोहे पर प्रस्तुति दी। कुल 60 दोहे का उच्चारण 6 मंडलों ने किया। सुंदरकांड मंडल के कलाकार एक ड्रेस कोड में प्रस्तुति देने पहुंचे थे। वहीं श्रोता भी अलग-अलग वेशभूषा में सजधज कर पांडाल में पुरे समय नृत्य करते रहे। वहीं श्री पवनपुत्र हनुमान के बचपन के जीवित चित्रण ने भी दर्शको का मन मोहा।
*लक्की ड्रा से हुआ प्रतियोगिता में प्रस्तुति देने का क्रम:*
प्रतियोगिता में मंडलों का क्रमानुसार हर मंडल में 30 मिनट में 10 दोहे, चौपाई का पाठ किया गया। प्रतियोगिता में 6 मंडलो को प्रस्तुति देने के लिए लक्की ड्रा रखा गया। जिसमें 6 ही मंडलो के नाम की चिठ्ठी एक मटके में डाली गई। कार्यक्रम में सबसे पहले प्रस्तुति देने के लिए  जय सीताराम भक्त मण्डल शाजापुर के नाम की चिठ्ठी निकली। इसके बाद मण्डल द्वारा समधुर प्रस्तुति दी। दूसरे क्रम पर आईजी सुन्दरकाण्ड म्यूजीकल ग्रुप सिलकुंआ (कुक्षी) ने दी गई चोपाई से शुरुआत कर दाद बंटोरी।
तीससे क्रम में श्री हरि सत्संग समिति चारभुजा धाम खट्टाली ने प्रस्तुति दी। चौथे क्रम में श्री खेड़ापति सुंदरकांड भक्त मडंल शाजापुर के नाम की चिठ्ठी निकली। जिन्होने शिव तांडव स्त्रोतम की प्रस्तुति प्रस्तुति देकर जमकर तालियां बटोरी। इसके बाद पांचवे क्रम में मां भद्रकाली सुन्दरकाण्ड मण्डल शुुजालपुर के कलाकारो ने प्रस्तुति दी। वहीं अंतिम क्रम में भक्त रामायण मण्डल महेश्वर के कलाकारो ने प्रस्तुति देकर हर श्रद्धालु को भावविभोर कर दिया।
*इन्हें नवाजा गया पुरस्कारो से:*
प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्री खेड़ापति सुंदरकांड भक्त मडंल शाजापुर को देते हुए 15 हजार 555 रु. से नकद पुरस्कृत कर प्रतिक चिह्न व प्रशस्ति पत्र दिया गया। वहीं द्वितीय पुरस्कार 11 हजार 111 रूपए हरि सत्संग समिति चारभुजा धाम खट्टाली, तृतीय पुरस्कार 7 हजार 777 रूपए भक्त रामायण मण्डल महेश्वर, चतुर्थ पुरस्कार 5 हजार 555 रूपए मां भद्रकाली सुन्दरकाण्ड मण्डल शुुजालपुर, पंचम पुरस्कार 3 हजार 333 रूपए आईजी सुन्दरकाण्ड म्यूजीकल ग्रुप सिलकुंआ (कुक्षी) और षष्टम पुरस्कार 2 हजार 222 जय सीताराम भक्त मण्डल शाजापुर को प्रतिक चिह्न व प्रशस्ति पत्र अतिथियो और श्री बजरंग रामायण मण्डल के सदस्यो द्वारा भेंट कर सौंपे गए।
*कौन थे मंगल भट्ट:*
मंगल भट्ट यह वही नाम है जो नगर के हर व्यक्ति के जुबां पर रहता था, लेकिन एक दर्दनाक हादसे ने उस सरल, सहज, मिलनसार व अपने परिवार के एकमात्र चिराग मंगल की जिंदगी छीन ली। यह दु:खुद हादसा 14 जनवरी 2018 को मप्र के इंदौर जिले के बेटमा में हुआ था। इस हादसे के बाद पूरे नगर में मानो भूकंप सा आ गया हो। भाई मंगल ने मण्डल के सदस्यो के साथ एक सपना देखा था कि पेटलावद में एक भव्य सुंदरकांड प्रतियोगिता हो, जो एक सपना बनकर रह गई, लेकिन अब वह सपना मण्डल के सदस्य साकार करने जा रहे है। उनकी मृत्युु पश्चात् उनके उसी सपने को तन-मन और धन से पूरा करने की ठान ली और उनकी स्मृति में यह प्रतियोगिता आयोजित करने का फैसला लिया। जिसके बाद लगातार दूसरी बार उनकी स्मृति मे इस बड़े आयोजन को किया। सदस्यो ने कड़ी मेहनत के बाद इतने बड़े आयोजन की रूपरेखा तैयार की और इसे सफलतापूर्व निर्णायक रूप दिया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.