तपस्या आत्मा को सच्ची खुराक देता है, शूरवीर ही कर पाते है तपस्या : मुनिश्री

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
तपस्या से आत्म शोधन होता है भगवान महावीर ने तप और ध्यान से कर्मों को परास्त किया और अपनी आत्मा को उपलब्ध हुए. किन्तु तपस्या वे ही कर पाते है जो शूरवीर होते है, जिनका मनोबल सुदृढ़ होता है। जब व्यक्ति का मन विरक्त होता है तभी वे तपस्या करके अपनी आत्मा को सच्ची खुराक दे पाते है जो खाने का ममत्व नहीं छोड़ सकते तथा आसक्ति को प्रगाढ़ बनाए रखते है। उनके लिए तपस्या करना संभव नहीं होता। विवेक पूर्वक की गई तपस्या ही सार्थक होती है। अत: तपस्या के साथ आग्रह विग्रह नहीं हो बल्कि सहजता का भाव हो। उक्त विचार कार्तिक पूर्णिमा चार्तुमास समाप्ति के साथ नेहा मयंक भंडारी के 11दिनी निराहार तपस्या पर आयोजित तप अभिनंदन समारोह में आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य तपो मूर्ति मुनि पृथ्वीराज जसोल ने धर्मसभा में कहे। मुनि चैतन्य कुमार अमन ने कहा कि तपस्या है इच्छाओं पर नियंत्रण,संयम की चेतना का जागरण और संकल्प बल की सुदृढ़ता, वैसे तपस्या सभी धर्म परम्पराओं में मान्य है। तपस्या करने वाला अपनी आंतरिक शक्तियों को उद्घाटित कर लेता है, उस शक्ति का सदुपयोग करने वाला निश्चित रूप से आत्म कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ जाता है और अन्तत: लक्ष्य को हासिल कर लेता है। उन्होंने कहा तपस्या अनुभव गम्य होती है उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता साधना का चरम बिंदु है ध्यान और तपस्या जब दोनों का योग बनता है तब लक्ष्य की प्राप्ति होती है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह लक्ष्य की दिशा में गति प्रगति करें। मुनि अमन कुमार ने बताया की इस चार्तुमास में 31 दिनों की एक,16 दिनों की एक, 13 दिनो की दो, 11 दिनों की चार, नौ दिनों की 7, आठ दिनों की 8 भाई बहनों ने तपस्या की है। साथ ही कई बहनों ने एकांतर, आयम्बिल, उपवास, तेले, पांच और छह की तपस्या की है। चातुर्मास में मुनि चैतन्य कुमार अमन ने एकांतर तप अर्थात एक दिन निराहार एक दिन भोजन करते हुए दो तेले व चार बेले का तप किया है. लगातार चार महीनों की एकांतर तपस्या महत्वपूर्ण होती है। आज के तप अभिनंदन में आठ दिन की तपस्या के संकल्प के साथ तपस्विनी नेहा भंडारी का अभिनंदन सभा मंत्री लोकेश भंडारी ने किया। कार्यक्रम में सभाध्यक्ष झमकलाल भंडारी,महक भंडारी, लोकेश भंडारी, पुष्पा पारलेचा, लक्ष्मीदेवी भंडारी, नगर अध्यक्ष संगीता भंडारी, पारिवारिक बहनों ने अभिनंदन में गीत विचार प्रस्तुत किए। कन्या मंडल ने मंगलाचरण अंशिका मेहता ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। संचालन तेयुप मंत्री राजेश वोरा ने किया, सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने तपस्विनी नेहा को अभिनंदन पत्र भेंट किया।

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