सलमान शैख़ | पेटलावद
इंदौर रेंज डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने पेटलावद पहुंचने की खबर लगते ही पुलिसकर्मियों में हफकम्प सा मच गया। इस दौरान कोई वर्दी सम्भालता नजर आया तो कोई टोपी सम्भालता नजर आया। वहीं कई पुलिसकर्मी थाने में खड़े अस्त-व्यस्त वाहनों को सही करते नजर आए। वहीं एसडीओपी ओर टीआई भी खुद अपने जवान को सलामी देते सिखाते रहे।
डीआईजी ने थाने बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने वर्तमान व आगामी त्योहारों को लेकर अफसरों की समीक्षा बैठक ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थाने में दर्ज अपराधों के रिकार्ड व सुरक्षा संबंधी दस्तावेजों की जांच की, वहीं आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी अफसरों, पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उनके पहुंचते ही पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई। जो जहां था, वहीं अपनी वर्दी दुरूस्त करने लगा।
इस दौरान उन्होंने मौजूद टीआई से क्षेत्र के असामाजिक व साम्प्रदायिक तत्वों पर ध्यान रखने, त्योहार पर आयोजकों से समन्वय बनाए रखने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों पर नकेल के लिए सिपाही बीट के नागरिकों के संपर्क में रहें। पुलिस जब जनता के करीब रहेगी तो अपराधी न तो छिप पाएगा और न ही भाग पाएगा।
इसके बाद वे यहां थांदला के लिए निकले।
*एसडीओपी बोली-मीडिया को बुलाया क्या..? टीआई बोले आपके साथी पत्रकारों को भी बुलवा लीजिए:*
वहीं निरीक्षण के खबर लगते ही कुछ पत्रकार थाने पहुंचे, लेकिन एसडीओपी को उनका आना रास नही आ रहा था, क्योंकि वे पत्रकार थाने पर मची खलबली अपने कैमरे में कैद कर रहे थे।
एसडीओपी ने कहा क्या मीडिया को यहां बुलाया गया है। इसके बाद टीआई आकर बोल पड़े कि आपके साथी पत्रकारों को भी बुलवा लीजिये। अब एक तरफ एसडीओपी मीडिया से दूरी बनाना लाजमी समझ रही है वहीं दूसरी ओर टीआई मिडिया को बुलाने में लगे है। पत्रकार का तो कर्तव्य है कि वह किसी भी खबर को कवरेज करे।
एसडीओपी की मीडिया से दूरी कहीं न कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली जनता मे उजागर न हो जाये यह दर्शाता है।
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