सलमान शैख़, पेटलावद
स्वच्छता में सर्वोच्च स्थान कठोर परिश्रम के बल पर ही प्राप्त किया जा सकता है, स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए इस बार चुनौती जरूर बढ़ी है लेकिन पेटलावदवासियों की जागरुकता अभूतपूर्व है। स्वच्छता पर आयोजित होने वाली इस महापरीक्षा में परिषद को आप नगरजनो का सहयोग की जरूरत है।
स्वच्छता को लेकर जितना उत्साह यहां के लोगो में है, उतना किसी और शहर में नजर नहीं आता। यही कारण है कि प्रदेश हम लगातार नम्बर 1 बने है। 2019 के लिए हमारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। आपके सहयोग से फिर हम इस बार भी नंबर वन का खिताब हासिल करेंगे।
आज नगर परिषद कार्यालय में स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के तहत आयोजित कार्यशाला में यह विचार नपं अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा के व्यक्त किये। इस अवसर पर स्वच्छता कार्यक्रम नगर के जनप्रतिनिधियों के अलावा गणमान्य नागरिक ओर पत्रकार मौजूद रहे।
नपं अध्यक्ष श्री भटेवरा ने कहा कि सफाई जहां होगी, वहां बीमारियों से भी बचा सकेगा। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शहर को कचरा और खुले में शौच से मुक्त कराने के प्रयास में व्यापक स्तर पर जन भागीदारी सुनिश्चत करना है। जिससे समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए शहरों को जीने लायक बेहतर स्थान बनाने के लिए जागरूकता पैदा हो।
सतरंगी लाइफ: स्वच्छता जागरूकता अभियान:
इंद्रधनुष का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। इंद्रधनुष के सात रंग है बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल यह रंग हमारे जीवन में शामिल हो तो हमारी जिंदगी भी बन सकती है सतरंगी लाइफ़।
इसी प्रकार स्वच्छता से सफाई होना ही नहीं इसमें स्वच्छ रहने से लेकर स्वच्छता बनाए रखने तक के भाव और जिम्मेदारी सम्मिलित है। लक्षित सात व्यवहार अपनाकर हम शहरी स्वच्छता और अपने जीवन में खुशियों के साथ रंग भर सकते हैं अभियान के दौरान घरों के कचरा संग्रहण व्यवस्था और स्त्रोत पर पृथक्कीकरण को प्रभावि स्वरूप में लागू करना, घरों में हरी और नीली डस्टबिन का प्रयोग करना, घरेलू कंपोस्टिंग, वार्ड में स्वच्छता सुनिश्चित करना, सार्वजनिक शौचालय का उपयोग व संचालन व्यवस्थाए, नागरिकों को स्वच्छता से जोड़ना एवं उनके नेतृत्व में स्वच्छता के संदेश प्रसारित करना होंगे।
आने वाले माह में इन कामों पर होगा फोकस:
स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के तहत रखी गई कार्यशाला का आरंभ करते हुए सीएमओ सुरेशचंद्र त्रिवेदी ने कहा कि सर्वेक्षण के लिए डाटा संकलन का काम चार प्रमुख स्रोतों से किया जाएगा। इसमें सेवा स्तर पर हुई प्रगति, प्रत्यक्ष निगरानी, लोगों से प्राप्त फीडबैक और प्रमाणन शामिल किया गया है। इसके साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के सर्वे में अपने शहर की रेटिंग सुधारना है तो इस अभियान में जुटने का मौका आ गया है।
स्वच्छता पर इस चौथे राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में नागरिकों की भागीदारी, सतत् विकास के लिए उठाए कदमों, कचरा तथा खुले में शौच से मुक्त समाज पर जाेर दिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया तीसरा पक्ष पूरा करेगा।
यह सर्वेक्षण होगा कुछ अलग हटकर:
बीते साल हुए सर्वेक्षण से इस साल का सर्वेक्षण कुछ अलग हटकर होगा। इस बार एप डाउनलोड करने की तारीख के साथ ही एक्टिव यूजर की संख्या के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे। इसबार स्वच्छ सर्वेक्षण में स्टार रेटिंग दी जाएगी। अधिकतम सात स्टार रेटिंग पाने वाले सबसे साफ शहर होंगे और इसकी रेटिंग उल्टे क्रम में घटती जाएगी। यही रैंकिंग सुधारने से ज्यादा बनाए रखने पर काम करना होगा।
जनता की बढ़ी भागीदारी, केवल कागजी सर्वे नहीं होगा पब्लिक से जानेंगे सच्चाई
स्वच्छ सर्वेक्षण में केंद्र सरकार लगातार जनता की भागीदारी बढ़ाने में लगी है। साल 2018 में जहां 4 हजार अंकों में जनता की डायरेक्ट फीडबैक के 1400 अंक थे। वहीं अब अफसरों की रिपोर्ट के वेरिफिकेशन में भी जनता की भागीदारी बढ़ाई है। शहर के हर एक वार्ड में 50 लोगों से स्वच्छता के बारे में पूछा जाएगा और उनके जवाब पर कागजों की वास्तविकता का सच सामने लाया जाएगा।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की टीम सर्वे में 3, 5 और बेस्ट को 7 स्टार रेटिंग देगी। जबकि सर्वे में प्रदेश स्तर पर 1, 2 और 4 स्टार मिलेंगे। नगर निगम अपनी तरफ से 1, 2 और 4 स्टार पर प्रमाणीकरण करके आवेदन करेगी। प्रदेश सरकार इसका परीक्षण करेगी। 3 स्टार केवल उन्हीं शहरों का मिलेगा जिनका (खुले में शौच मुक्त) ओडीएफ सर्टिफिकेट वैध है, यह स्टार केंद्र सरकार देगी।
कचरा मुक्त शहर के लिए स्मार्ट स्टार रेटिंग, प्रोटोकॉल में ये प्वाइंट है शामिल
डोर-टू-डोर कचरा संग्रह। कचरे का पृथक्करण। सार्वजनिक, कमर्शियल और आवासीय क्षेत्र की सफाई। वेस्ट स्टोरेज। वैज्ञानिक वेस्ट प्रसंस्करण। यूजर फीस, प्लास्टिक बैन, ड्रेनेज की सफाई। अवशेष कम करना। शहर की सुंदरता।
15 वार्ड – नये सर्वे में जलस्रोतों व नालों की सफाई भी शामिल
शहर में हर वार्ड में 5 स्थान तय होंगे जहां सफाई देखेगी टीम
50 लोगों से हर वार्ड में जिनसे फेस-टू-फेस सफाई के बारे में पूछा जाएगा।
एक दिन की सफाई पर अंक नहीं होंगे तय, पूरे साल सफाई करनी होगी सुनिश्चित।
यदि शहर में गंदगी मिली तो 7 स्टार रेटिंग नहीं मिलेगी।
होटल, अस्पताल और सरकारी व निजी कंपनी कार्यालय भी होंगे शामिल
सर्वे में शहर के होटल, अस्पताल व सरकारी व निजी कंपनी कार्यालय भी शामिल है। इन सबको भी अपने कार्यालय में सफाई रखनी होगी। कचरे के सग्रीगेशन करना होगा।
इस बार और बेहतर करने का रहेगा दबाव:
बीते वर्ष में स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश के टॉप शहरों पेटलावद भी शामिल रहा है। इसलिए इससे भी बेहतर रैंक बनाने का उत्साह और दबाव दोनो है। इस बार ओडीएफ के तीन चरणों से शहर को गुजरना होगा। पहले ओडीएफ, इसके बाद ओडीएफ प्लस और अंत में ओडीएफ प्लस-प्लस का सर्टिफिकेशन लेना होगा। इसके लिए पूरे साल खुले में शौंच से मुक्त रखने के लिए काम करना है। अभी दो चरणों से और गुजरना होगा।
घरों पर कचरा प्रबंधन कराना होगा:
इस बार के स्वच्छता सर्वे में यह भी देखा जाएगा कि शहर में लोग कचरे का प्रबंधन घर पर ही करते हैं अथवा नहीं। इसके लिए भी अंक निर्धारित किए गए हैं। नगर परिषद के पास निर्देश आया है कि घर-घर संपर्क कर लोगों को प्रेरित करें कि गीले कचरे की कंपोस्ट खाद तैयार कर, घर के गमले में ही उसका उपयोग करें। इस मामले में पेटलावद अभी थोड़ा पीछे है, इसके लिए लोगों को जागरुक करना होगा।
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