क्षेत्र में उपयोगविहीन पुलियाएं बनाकर शासन का रुपया व्यर्थ बर्बाद किया जा रहा है : जिपं उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर

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हरीश राठौड़, पेटलावद

3किमी पर बनने वाले बेमतलब की पुलिया जिसका विरोध हो रहा है.

सारंगी से गुणावद मार्ग पर बनाई जा रही पुलियाओं में कई पुलिया तो बेवजह बनाई जा रही है और अन्य पुलिया में गुणवत्ताहीन कार्य करने के साथ ही उनकी ऊंचाई अधिक रखी जा रही है जिससे ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का कार्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है। इस प्रकार के आरोप लगाते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह राठौर ने बताया कि हमारे जिला पंचायत क्षेत्र में प्रधानमंत्री सडक़ विभाग वालों के द्वारा सडक़ निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही अनउपयोगी कई पुलिया बना दी गई, सबसे पहले सारंगी से तीन किमी के बोर्ड पर बनाई गई पुलिया जिसकी कोई उपयोगिता नहीं है जहां पहले कोई पुलिया भी नहीं थी और यहां पर पुलिया की आवश्यकता भी नहीं थी। जिसके बावजूद भी अधिकारियों की मनमानी और ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए पुलिया बना दी गई। वहीं ग्राम मांडन में एक पुलिया की उंचाई अधिक कर दी गई है जो की आवश्यकता ही नहीं थी जिसके लिए विभाग के अधिकारियों को भी कई बार शिकायत की गई किंतु उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।इसी प्रकार ५ किमी पर बनने वाली पुलिया भी उपयोगी नहीं है जिसके लिए भी शिकायत की गई किंतु कङ्क्षई भी ध्यान देने को तैयार नहीं है।
गुणवत्ताहीन कार्य हो रहा कार्य-
इसके साथ ही पुलिया निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य हो रहा है पुलियाओं के निर्माण में तकनीकी ध्यान नहीं दिया जा रहा है स्लेब भरने के लिए सपोर्ट के रूप में बल्ली और बांस के डंडों का उपयोग किया जा रहा है वह क्या वजन झेल पाएंगे। इसके साथ ही कांक्रीट में फिनिशिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है जिसके लिए बाद में प्लास्तर कर साइड की दीवारों को ठीक किया जा रहा है। आखिर इस प्रकार का गुणवत्ताहीन और तकनीकी दृष्टि से गलत कार्य भारी वाहनों का लोड किस प्रकार सहन करेगा और आने वाले समय में यह पुलिया ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनेंगे।
पुलिया की जरूरत है-
इस संबंध में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ के इंजीनियर विजय मंडलोई से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि जहां आवश्यकता थी वहीं पुलिया बनाई गई है अन्यथा पानी एकत्रित होकर रोड़ पर आता है और सडक़ खराब हो जाती है। इसके साथ ही पुलिया की उंचाई अधिक होना अभी लग रहा है किंतु स्लेब भरने के बाद नहीं लगेगा. वहीं पूरी गुणवत्ता के साथ कार्य किया जा रहा है.

३किमी पर बनने वाले बेमतलब की पुलिया जिसका विरोध हो रहा है.

इस प्रकार तकनीकी दृष्टि से गलत तरीके से सपोर्ट दिए जा रहे है और दिवार बनाने के बाद प्लास्तर किया गया.

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