झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
क्षेत्र में कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वे लोग योजनाओं का लाभ लेने के लिए दर-दर भटक रहे है। अधिकारियों के पास आवेदन लेकर जाते हैं किंतु उन्हें सहायता के बजाय ना में जवाब मिल रहा है। गरीब परिवारों का आरोप है कि योजना में नौकरी-पेशा लोगों को भी लाभ मिल रहा है किंतु हम जैसे लोग परेशान हो रहे है। नई बस्ती में ऐसे 15 परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना चाहते है। उनके पास पट्टे भी हैं किंतु उन्हें योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है। गोपाल भाई मोची का पिछली बारिश में मकान गिर गया था तो उन्होंने बाजार से 1.50 लाख रुपए उधार लेकर मकान बनवाया। इसके बाद प्रधानमंत्री योजना प्रारंभ हुई तो उन्होंने योजना में आवेदन किया और अपना पट्टा भी बताया। हालांकि किन परिस्थितियों में मकान बनवाया, इसकी भी जानकारी दी। अधिकारियों ने उन्हें योजना का लाभ देने से इंकार कर दिया, क्योंकि उनके पास मकान था। गोपाल का कहना है कि आखिर आज मेरे पास पैसे नहीं है। बाजार में कर्ज लेकर आया हूं जिसका ब्याज भी लग रहा है और योजना का लाभ नहीं मिल रहा है जबकि हमारा परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है और हमारे पास पट्टा भी है। मैं अपने परिवार का पालन-पोषण नए बस स्टैंड पर दुकान लगा कर करता हूं। गोपाल ने अपनी मां के साथ मिलकर एसडीएम के नाम भी एक आवेदन दिया है। गोपाल के अलावा 14 परिवार और भी ऐसे हैं जो पट्टा होने के बाद भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
सरकारी नौकरी वालों को लाभ
गोपाल ने प्रशासन के नियमों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी करने वालों को प्रधानमंत्री योजना का लाभ दे दिया और हम जैसे गरीब लोगों को योजना से वंचित रखा जा रहा है जबकि हम वास्तविक हकदार है। यदि सुनवाई नहीं होती है तो आगे तक इस मामले को ले जाएंगे। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जिनके पास मकान बने हुए हैं उन्हें इस योजना में नहीं लिया जा रहा है। इसके लिए उनका आवेदन निरस्त किया गया है