सलमान शेख, पेटलावाद
क्रिसमस में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में शहर में सेलिब्रेशन का माहोल दिखने लगा है। चर्च समेत अन्य स्थानों पर लाइटिंग की जा रही है। क्रिसमस की आहट से ही घरों में जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू कर दी जाती हैं। फिर शुरू होता है क्रिसमस ट्री को सजाने का दौर। स्टार, बैलून, सेंटा क्लॉज आदि से क्रिसमस ट्री को आकर्षक बनाया जाता है। इधर, बाजार में गिफ्ट शाप में क्रिसमस ट्री, मास्क, कैप और भी कई प्रकार के गिफ्ट्स आइटम से सज गए हैं।
ईसाई समुदाय के घरों में केरोल गीत गूँज रहे है। सेंट मेरी स्कूल के फादर एवं सिस्टर नगर में समाजजनो के घर-घर बालक यीशु को लेकर पहुचेगे जहा केरोल गीत गाया जाएगा।
ग्राम उन्नई में घरो-घर क्रिसमस की तैयारिया बड़े उत्साह के साथ की जा रही है। घरो में विशेष साज सजा की गई है जिसमे रंग रोगन साथ ही विधुत सजा भी की गई है।
प्रभु यीशु का जन्म भोज दिवस के रूप में भी मनाया जाता है:
क्रिसमस एक बड़ा त्योहार है। जिसे लोगों द्वारा ठंड के मौसम में मनाया जाता है। इस दिन पर सभी एक सांस्कृतिक अवकाश का लुफ्त उठाते है तथा इस अवसर सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्र तथा गैर सरकारी संस्थान बंद रहता है। इस उत्सव को लोग बहुत उत्साह और ढ़ेर सारी तैयारियों तथा सजावट के साथ मनाते है। हर साल 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। साल के बड़े पर्वों में से एक क्रिस्मस और प्रभु यीशु के भोज दिवस के रुप में भी जाना जाता है। इसे सालाना सभी के द्वारा मनाया जाता है। खासकर ईसाइयों द्वारा। इस दिन प्रभु यीशु का जन्म दिन होता है, जिन्हें क्रिस्मस धर्म के लोगों द्वारा भगवान की संतान माना जाता है। सांस्कृतिक अवकाश का दिन होता है जिसका सभी आनन्द लेते है। ईसाई धर्मावलंबियों के लिए बेहद महत्व का दिन होता है। इस उत्सव के आगमन से पहले ही लोग खूब तैयारियों के साथ अपने घरों और चर्च आदि को सजाते है।
इस पर्व को पूरी दुनिया में एक धार्मिक और परम्परागत पर्व के रुप में मनाया जाता है। क्रिसमस को मनाने की परंपरा क्षेत्रों के लिहाज से अलग होती है। इस दिन पर उपहार बाटना, क्रिसमस कार्ड देना, भोज देना, ईसाई भजन और गीत गाने का रिवाज है। जिले के सभी चर्चो में साज-सज्जा की सजावट की जा रही है।
क्रिसमस को लेकर बच्चो में खासा उत्साह:
क्रिसमस को लेकर समुदाय के लोगों ने इसकी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। बच्चे सांता क्लॉज के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं तो किशोर-किशोरियों ने क्रिसमस-ट्री सजाने के सारे साजो-सामान जुटाने शुरू कर दिए हैं। वहीं घरों में साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन का कार्य भी जोर शोर से किया जा रहा है…
गौशाला की झाँकी:
प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में हुआ था इसलिए क्रिसमस पर गौशाला की झाँकी का बड़ा महत्व होता है। क्रिसमस को लेकर बच्चों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। वे सांता क्लॉज को खुश करने घरों में विशेष तैयारी कर रहे हैं।
पिकनिक की प्लानिंग:
क्रिसमस के बाद उसकी छुट्टियों को पूरी तरह एन्जॉय करने के लिए बच्चे अपने मम्मी-पापा के साथ मिलकर पिकनिक पर जाने की प्लानिंग बना रहे हैं। पिकनिक पर जाने के लिए शॉपिंग भी शुरू कर दी गई है।
साज-सज्जा में जुटीं महिलाएँ:
लोगों का उत्साह उनके चेहरों पर चमक रही खुशियों से स्पष्ट झलकता है। क्रिसमस कार्ड, सांता क्लॉज, क्रिसमस-ट्री और धार्मिक कैसेट्स व सीडी की खरीददारी के साथ-साथ जन्म पर्व की तैयारियाँ भी चल रही हैं। घरों की साफ-सफाई और रंग-रोगन के साथ ही कुछ परिवार के लोग घरों में गौशाला और अन्य झाँकियों का निर्माण करने में जुट गए हैं। क्रिसमस के अवसर पर महिलाएँ अपने घर की रौनक बढ़ाने में जुटी हुई हैं। कुछ तो घर की हर छोटी-मोटी सजावट चाहे वो सीढिय़ाँ हो या दीवार, हर जगह को सजावटी आयटमों से सजा रही हैं।
बनने लगे पकवान:
क्रिसमस की खुशी पकवानों के बिना अधूरी होती है। इसी कमी को पूरा करने घरों में पकवान बनने शुरू हो गए हैं। रम केक, जिंजर वाइन, डोनल्ड, सलोनी, मीठा, नमकीन सहित तरह-तरह के पकवान रोजाना रसोई घर में बनते नजर आ रहे हैं।
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