झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद कृषि उपज मंडी में तौल कांटे के अभाव में किसानों को प्रति ट्राली 50 रूपए का नुकसान तो व्यापारियों और किसानों के बीच विवाद की स्थिति बनती है। इसके चलते एक व्यापारी के साथ मारपीट भी हुई। वहीं मंडी में रात्रि में लाइट की व्यवस्था नहीं होने से व्यापारी परेशान होते हैं। भावांतर योजना के साथ किसानों के हितार्थ नित नई घोषणाएं करके किसानों की नाराजगी दूर करने में सरकार लगी हुई है पंरतु स्थानीय अव्यवस्थाओं के चलते किसानों के साथ व्यापारियों की भी फजीहत हो रही है। शुक्रवार को मंडी में एक किसान की उपज तउल में कम ज्यादा हो जाने पर पुलिस तक मामला पहुंचा था इसके बाद व्यापारी के साथ जबरन मारपीट की गई। मंडी के व्यापारी रमेशचंद्र भंडारी ने बताया कि बोलासा ग्राम से एक कृषक सोयाबीन भरकर मंडी लाया परंतु मंडी का तौल-कांटा बंद होने से सभी ट्रालियां समीपस्थ ही पूजा कॉटन के तौल कांटे से वजन कराकर वजन की रसीद प्राप्त करते है। इसी तरह व्यापारी भंडारी ने भी वहां तौल करवा कर किसान को वजन बताया, किंतु इसके बाद किसान नहीं माना ओर उसका कहना था कि मेरा सोयाबीन 5 क्विंटल कम है और व्यापारी के साथ मारपीट कर दी। हंगामे के बीच पुलिस भी पहुंच गई किसान को सोयाबीन भरकर पेटलावद से 11 किमी दूर बामनिया तौल कराने एक कर्मचारी के साथ भेजा वहां भी वजन वहीं निकला और जबरन व्यापारी पीट गया। इसके बाद व्यापारी ने रिपोर्ट लिखवाना चाही किंतु किसान ने माफी मांगी और अन्य लोगों ने बीच में पडक़र मामले को आया गया किया। इस संबंध में किसानों और व्यापारियों का कहना है कि मंडी जब से प्रारंभ हुई है तब से तौल कांटा बंद पड़ा है परंतु मंडी प्रशासन का ध्यान इस और नहीं होने से खामियाजा किसान और व्यापारियों दोनों को विवाद के रूप में उठाना पड़ता है। मंडी में लगभग प्रतिदिन पचास से अधिक ट्राली आती है तौल के लिए पूजा कांटन अथवा 11 किमी दूर बामनिया जाना पड़ता है, जहां प्रति ट्राली 50 रूपए तौल के किसान को देना पड़ते है। इस प्रकार प्रतिदिन चार से पांच हजार रूपए किसानों को तौल के नाम पर मजबूरी में देना पड़ते है।
रात्रि में लाईट भी नहीं
इसी प्रकार दिन भर किसानों से जो माल खरीदा जाता है उसे व्यवस्थित रूप से अपने गोडाउन और गाडिय़ों में भरवाने का समय व्यापारियों को शाम के बाद ही मिलता है किंतु मंडी में रात्रि में पर्याप्त लाइट की सुविधा नहीं होने से व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, यहां तक की सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में मंडी प्रशासन का कहना है कि हमारे द्वारा जल्द ही तौल कांटा चालू करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही लाईट की भी व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध मे पूर्व जनपद अध्यक्ष हीरालाल डाबी का कहना है कि मजबूरी में किसानों को निजी तौल कांटों पर वजन करवाना पड़ता है। मंडी को ध्यान देना चाहिए। जिला पंचायत सदस्य कलावती गेहलोत का कहना है कि लंबे समय से मंडी में तौल कांटा बंद पड़ा हुआ है जिसे चालू करना चाहिए जिससे किसानों का मंडी पर विश्वास बना रहेगा।