आराधना में तप त्याग द्वारा आत्मशुद्धि के प्रयास करो : मुक्तिप्रभा मसा

0

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पयूर्षण पर्व की आराधना बाहरी व्रतियों को समेट कर आत्म कल्याण के लिए की जाती है बिना पुरुषार्थ के धर्म नही होता है आत्म उत्थान के लिए पुरुषार्थ जरुरी है धर्म आराधना इह लोक और पर लोक सुधारने वाली है। उक्त प्रेरक उदगार स्थानक भवन में विराजित महासती मुक्तिप्रभा मसा ने पर्युषण महापर्व के प्रथम दिवस पर धर्म सभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा की आराधना के इन दिनों में तप त्याग के द्वारा आत्मशुद्धि के प्रयास किये जाने चाहिए। इसके पूर्व अंतगड़ दशा सूत्र को वाचन करते हुए महासती प्रेमलता जी ने शास्त्र की महत्ता बताते हुए कहा की धर्म शास्त्र नर को नारायण बना देता है मानव को भौतिक उहापोह से दूर कर्तव्यपरायण बनाता है।
संसार को सन्मार्ग पर ले जाने का कार्य शास्त्र ही करते है
उक्त अवसर पर कई श्रावक श्राविकाओं ने त्याग एवं प्रत्याख्यान महासती मुक्तिप्रभा के मुखारविंद से ग्रहण कर पर्युषण पर्व की आराधना के लिए तत्पर हुए। जैन सोशल ग्रुप मैत्री द्वारा प्रत्याख्यान के पर्चे वितरित किए गए व सभी धर्मानुभावियों से प्रत्याख्यान लेने का अनुरोध किया। नवयुवक मंडल द्वारा विभिन्न धार्मिक प्रतियोगिताओं का आयोजन पर्युषण पर्व के दौरान रखा गया है। प्रश्नमंच का संयोजन स्वाध्यायी सोहन चाणोदिया ने किया, वहीं सपना पालरेचा ने स्तवन की प्रस्तुति दी। इसी के साथ धर्मसभा का संचालन राजेंद्र कटकानी में किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.