अतिक्रमण के मकड़ जाल में फंसा शहर, जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे है

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर के मुख्य मार्गों पर ट्राफिक जाम, राहगीरों को निकलने में परेशानी, दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है। क्योंकि नगर का मुख्य मार्ग अतिक्रमण की चपेट व अव्यवस्थित खड़े वाहनों के कारण हमेशा परेशानी का सबब बना हुआ है। अतिक्रमण को हटाने और अव्यवस्थित वाहनों को व्यवस्थित करने की दिशा में किसी भी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ने लंबे समय से कोई पहल नहीं की है, जिसका खामियाजा आने जाने वाले यात्रियों और रहवासियों को भुगतना पड़ता है। नगर के किसी भी क्षेत्र में चले जाइए, हर जगह मनमानी दिखाई देती है। कहीं आधे रोड पर ही वाहन खड़े है तो कहीं दुकानें दुकान से ज्यादा बाहर रोड पर लग रही है. जिस कारण से परेशानियां बढ़ती जा रही है. परेशानियां देखी जाए तो हर क्षेत्र में दिखती है। गांधी चौक बस स्टैंड चौराहे पर ही कई दुकाने लगती है जो की रोड पर ही है, जिस कारण से यात्री प्रतीक्षालय भी पूर्ण रूप से ढक जाता है। वहीं तहसील कार्यालय के सामने ही दस से अधिक चार पहिया वाहन हमेशा रोड पर ही खड़े रहते है जिन्हें हटाने के लिए कोई तकलीफ नहीं उठाता है। इसी प्रकार सामने वाली लाइन में हमेशा 100 बाइक मुख्य मार्ग पर ही पड़ी रहती है, जो कि प्रतिदिन की समस्या है जिस कारण डिवाइडर के एक ओर का मार्ग आधा जाम रहता है. जिसके चलते भी भारी परेशानी होती है।
वहीं विपणन संस्था के सामने भी कई वाहन घंटों तक मुख्य मार्ग पर ही खड़े रहते है आगे बढऩे पर समस्या साईं मंदिर के यहां से विकट होती जाती है। क्योंकि जगह छोटी और वाहनों का दबाव व अन्य व्यवसायों का दबाव भी बढ़ता जाता है। इस स्थान पर डिवाइडर से सटा कर ही वाहन 24 घंटे खड़े रहते है। इसके अलावा दुकानों का संचालन रोड पर ही होता है। वहीं पुराना बस स्टैंड, मुख्य चौराहा नगर का जो कि सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है, जहां रोड पर ही सब्जियों की दुकान, थेलागाडिय़ों में दुकानें रोड पर लगी रहती है। वहीं चौराहा होने से चारों ओर से वाहनों का दबाव साथ ही बसे भी यहां अस्थाई तौर पर खड़ी होकर सवारियों को उतारती चढ़ाती है। इन सब परिस्थितियों के चलते यहां आवागमन के दरमियान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहीं से नया बस स्टैंड तक रोड के दोनों ओर सडक़ पर ही दुकानों का मजमा आने जाने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है जहां फुटपाथ है वहां दुकाने है और रोड तक दुकानें फैली हुई है, जो कि समस्या को विकराल बनाती है। वहीं नया बस स्टैंड जहां अस्थाई बस स्टैंड बनाया है वहां बसे न खड़ी होकर डिवाइडर के यहां पर ही खडी रहती है जो की सबसे बुरी स्थिति मानी जाती है। नागरिकों ने इस संबंध में कई बार मांग की है कि डिवाइडर के रोड पर बसें न खड़ी की जाए किंतु कोई भी बस मालिक सुनने को तैयार नहीं है और अस्थाई बस स्टैंड पर भी जो बसे खड़ी रहती है वे आधे रोड तक आती है जिसके कारण हाईवे का ट्राफिक और अन्य स्थानों पर आने जाने वालों का दबाव बना रहता है जिसके चलते इस स्थान पर दिन में सैकड़ों बार जाम की स्थिति बनती है। वहीं सैकड़ों वाहन सडक़ किनारे ही खड़े रहते है.इसके साथ ही बामनिया रोड, कानवन रोड और थांदला रोड की ओर जाने वाले रास्तों पर भी कई वाहन खड़े रहते है और बैंक की शाखाओं के बाहर रोड तक वाहनों की कतार लग जाती है इसके साथ ही इन मार्गों पर दुकानों का अतिक्रमण बाहर तक हो चुका है जो की चौड़े मार्गों को भी सकरा कर रहा है। सबसे विकट समस्या इस मुख्य मार्ग पर ही एसडीएम कार्यालय, तहसील, जनपद, अस्पताल, शासकीय स्कूलों सहित निजी स्कूल और पुलिस थाना भी है। इन्हीं मार्गो पर परेशानी झेलते हुए अधिकारियों को भी कई बार गुजरना पड़ता है किंतु फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। समस्याओं से दो-चार होने के बाद भी अधिकारी आंखे मूंद कर निकल जाते है आखिर इसके पीछे क्या कारण है।
आंतरिक मार्गो की स्थिति भी दयनीय.
नगर के मुख्य मार्ग के साथ झंडा बाजार, कुम्हार मोहल्ला, गांधी चौक, सांई मंदिर आदि स्थानों पर भी अतिक्रमण की स्थिति काफी खराब है यहां हर दुकानदार ने बाहर रोड पर 8 से 10 फीट का कब्जा कर रखा है जहां चार पहिया वाहन तो ठीक है दोपहिया वाहन को भी निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नागरिकों ने मांग की है कि नगर को स्वच्छता का नया आयाम देना है तो नगर के मुख्य मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त करवा कर, हमेशा यह स्थिति बनी रहे इसके लिए सतत प्रयास प्रशासन को करना होंगे। इस संबंध में एसडीएम हर्षल पंचोली से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि अतिक्रमण हटाना प्राथमिकता में है किंतु पहले सब्जीवालों को उचित स्थान दिया जाए साथ ही पूरी योजना के साथ कार्रवाई जल्द ही की जाएगी।

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