लोहित झामर, मेघनगर
गुरु भक्ति पखवाड़ा के दौरान धर्मदास संप्रदाय के इन 15 गण प्रमुख “धर्म-उदय-मया-अमर-केशव-मोखम-नंद-माधव-चंपा-तारा-किशन-सौभाग्य-सूर्य-अणु-जिन्द”गुरुओ के जीवन का प्रतिदिन वर्णन किया, जो शनिवार को पूर्ण हुआ। इस दौरान गुरु के महत्त्व के बारे मे बताते हुए अणु स्वाध्याय भवन मे विराजित अणुवत्स पूज्य संयत मुनीजी ने बताया गुरु का हमारे जीवन मे होना कितना महत्वपूर्ण है। गुरु के प्रति समर्पण होना जरुरी है गुरु की आज्ञा मे रहने वालों का उद्दार हो जाता है जो गुरु के हाथ से छूटे उसे डूबना ही है समर्पित भाव से गुरु के साथ चलना गुरु जो कहे उसे बिना संकोच मानना चाहिये एवं तर्क वितर्क नही करना। जो तप करते है उनकी वैयावच एवं उनको साता पहुँचाये ऐसे कार्य करने से पुण्यो कर्म संचित होते है एवं तीर्थंकर गौत्र का बंद होता है।
