14 साल पुराने बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता धारक का दावा दो 2000 के 11 नोट बैंक ने दिए नकली, बैंक मैनेजर ने कहा जांच के बाद ही कुछ कह पाऊंगा
भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
अपनी विशेष साख के साथ पहचाने जाने वाली बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा मेघनगर में उस वक्त हड़कंप फैल गया। जब 2000 की 100 नोट वाली 2 लाख रुपये की गड्डी में 11 नोट नकली निकले।नकली नोट दिए जाने का मामला सामने आने के बाद 14 साल पुराने हाडा इंटर के खाता धारक विमल हाड़ा व कई लोगों का बैंक ऑफ बड़ौदा की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिए। पूरे मामले की यदि बात की जाए तो गुरुवार लगभग 4 बजे हाड़ा इंटरप्राइजेस विमल सिंह हाडा के सुपुत्र संजय हाड़ा ने ₹3 लाख 50 हजार की नगदी राशि बैंक ऑफ बड़ौदा मेघनगर की शाखा से विड्रोल करवाए थे। उन्हें बैंक के केशयर राजेश द्वारा 2000 की 100 नोट की एक गड्डी एवं 75 नोट की एक और गड्डी कुल मिला कर दो 2000 के 175 नोट दिए थे। वीडोल कराने आए संजय हाड़ा ने बताया कि मुझे उक्त राशि डायरेक्ट स्ट्रांग रूम से लाकर नोट गिनने वाली बड़ी मशीन से नोट गिन कर दिए थे। लेकिन बैंक केशयर ने छोटी मशीन जिसमे नकली असली नोट की पहचान होती है उसमें उक्त नोटों को रखकर नहीं दिया व चेक भी नही किया।और मुजे उक्त राशि दे दी गई आप इसका प्रमाण बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ देख सकते हैं।बैंक का समय पूर्ण होने के कारण में हिचकिचाहट में नोटों को नहीं चेक कर सका । जिसके बाद उक्त पैसा में घर लाकर रख दिया था सुबह जब मेरे पिता ने गिनती के साथ नोटो को चेक किया तो 11 नोट नकली प्राप्त हुए जिसके बाद हम बैंक ऑफ बड़ौदा मेघनगर ब्रांच के मैनेजर श्री सोनी से मिले एवं उन्हें लिखित आवेदन में शिकायत दी। जिसके बाद बैंक मैनेजर ने सेम डे पर नहीं आने की बात लेकर नोट बदलने की बात पर मना कह दिया। लेकिन फिर से उन्होंने अपने उच्च अधिकारी से बात करके बताया कि हम पूरा प्रयास कर रहे हैं यदि गलती बैंक की तरफ से है या फिर कोई भी तथ्य सामने आते हैं तो आपकी पूर्ण मदद की जाएगी वही खाताधारक विमल ट्रेडर्स के मालिक विमल का कहना है कि यदि कोई धारक गलती से नकली नोट बैंक में ले आए टी उसका नोट जप्त कर के उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है यदि बैंक ही इस तरह का कार्य कर रही है तो यह आम भोले भाले व्यक्तियों के साथ ये कैसा न्याय है। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा से नकली नोट मिलने की बात पर नाराजगी व्यक्त की एवं आम जनता में भी उक्त मामला सामने आने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा की विश्वसनीयता पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगाए।
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