सीता न मिले हनुमान के बिना, मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो के भजनों पर झूमा फुटतालाब

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
अंतर्राष्ट्रीय भजन सम्राट अनूप जलोटा को सुनने प्रदेश में जन जन की आस्थाओं के प्रतिबिंब वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर फुटतालाब जिले के साथ साथ प्रदेश के कुछ जिलों से भी श्रद्धालु पहुंचे। जैसे ही अपने प्रसिद्ध भजन ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन से प्रख्यात भजन गायक जलोटा ने अपनी भजन संध्या प्रारंभ की तो प्रदेश का सबसे बड़ा धर्म पंडाल आस्था की तालियों से गूंज उठा स प्रदेश और जिलें के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार धर्म और सेवा में जुटे जैन को जलोटा ने संत कहा , उन्होने कहा की ऐसा काम इस कलयुग में एक संत ही कर सकता है। जैन धार्मिक आयोजनो और सेवा के भावों से इस अंचल में बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव ला रहें है। कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़ें , जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े, चदरियां झीनी रे झीनी, मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो, ओ पालन हारे, प्रभुजी तुम चंदन हम पानी, जाकी हृदय बास समानी, सीता न मिले हनुमान के बिना, गोविंद बोलो हरे गोपाल बोलो, श्रीराम सीता राम, बोलो राम बोलो राम, बोलो राम राम राम, बोलो श्याम बोलो श्याम बोलो श्याम श्याम श्याम, कबीरा जब हम पैदा हुए , जग हंसे हम रोए, ऐसी करनी कीजिए हम हंसे जग रोए, के साथ कुछ नयें भजन भी प्रस्तुत किए, प्रत्येक भजन पर लगातार तालियां बजती रही। उन्होने अपनी वाद्य यत्रों की टीम के साथ सुंदर और मन को स्पर्श करने वाली जुगालबंदी ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अनूप जलोटा का स्वागत समाजसेवी सुरेशचंद्र पूरणमल जैन, रिंकू जैन जैकी जैन, जैन की संस्कारी सुपुत्री पूजा जैन, जूही जैन, अंतिमबाला जैन, रिंकू जैन, दिनेश बैरागी, हरिराम गिरधानी, देवेंद्र जैन, विकास बाफना, पार्षद आनंदीलाल पाडियार, सुभाष गेहलोत, लाला भटेवरा, विपणन संस्था मेघनगर के अध्यक्ष संजय श्रीवास, बैंक संचालक गणेश प्रजापत और बार एसोसिएशन के सदस्यों ने पुष्पहारों से किया। कार्यक्रम में बार एसोसिएशन के सुशील डोशी, बाबू अग्निहोत्री, मुकेश बैरागी, अजय सोनी और सभी सदस्य भी उपस्थित थे ।
हसमत हयात का कार्यक्रम आज
भारत के प्रसिद्ध गायक हसमत श्रीरामभक्त हनुमान की तपोभूमि पर आज साईंबाबा के भजनों की प्रस्तुति देंगे। भारत के बहुत बड़े सूफी गायकों में सम्मालित हसमत हयात जो अपने बहुत से अच्छे भजनों के लिए प्रसिद्ध हैं, आज फुटतालाब के पवित्र मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे।

श्रीराम में विवाह में बरसी श्रद्धा की असंख्य बूंदे
पांचवे दिन श्रीराम कथा में साध्वी ऋतु पांडे ने श्रीराम के बाल्यकाल का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा की जब श्रीराम बाल्य अवस्था में थे तो प्रतिदिन उंनके दर्शनों के लिए संतो का आगमन अयोध्या में होता था । संत किसी न किसी बहाने से अयोध्या आते और बाल राम स्वरूप को निहारते स एक दिन एक संत जो रोज भिक्षा मागनें अयोध्या आते थे, मां कौशल्या के सामने रोने लगे, मां कौशल्या ने जब इस बात का कारण पूछा तो संत ने कहा की मुझे मनुष्य जन्म मिला हैं इसिलिए रो रहा हूं, अगर भगवान ने मुझे पत्थर बनाया होता और हम अयोध्या में बिछे होते तो प्रभुं मुझ पर पांव रखकर, और मुझे पकडक़र चलते, मेरा जीवन धन्य हो जाता। प्रभु के सानिध्य से जीवन धन्य हो जाता है। ऋतु पांडे ने श्रीराम कथा में आज जीवन में गुरु का महत्व भी बताया, उन्होंने कहा की लोग कहते हैं पानी पियों छान और गुरु करो जान , लेकिन मैं कहती हूं कि गुरु करो छान और पानी पियों जान। गुरु संत होता है, उन्होंने एक भाव बताया की संत पृथ्वी की तरह व्यक्तित्व लिए होता है, हम पृथ्वी पर कितनी गंदगी करते हैं, कितने गड्डे करते हैं, लेकिन पृथ्वी हमारा विरोध नहीं करती, वो हमे बदले में अन्नधन देती है। राम की गुरु कुल शिक्षा की लीलाओं का वर्णन करते हुए साध्वी ने बताया कि किस तरह से उन्होने गुरुकुल में गुरु विश्वामित्र से शिक्षा लेने के पूर्व उनके साथ लीलाएं की गई लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि पहले दिन जब प्रभुं विश्वामित्र जी के आश्रम पहुंचे तो उन्होने कहा की हमे खाना नहीं आता, मां कौशल्या की याद आ रही है, हमे कपड़े पहनना नहीं आता, लेकिन जब वो अपने गुरु के साथ ताडवन में ताडक़ा का वध किया तो विश्वामित्र जी समझ गए की ये कोई मामूली बालक नहीं प्रभुं श्रीराम है, ठाकुरजी है। इसके उपरांत विश्वामित्र ने श्रीराम-लक्ष्मण और उनके भ्राताओं को गुरुकुल में ज्ञान दिया । इस बीच में उन्होने माँ अहिलिया के उद्धार की कथा भी सुनाई। उन्होने कहा की श्रीराम कृपानिधान थे स उंनको ये नाम मां गौरा ने दिया था। भक्तों में कृपा करने कृपानिधान। उनक ये नाम माँ गौरां के साथ साथ मां सीता और उनके प्रिय भक्त हनुमान को ही पता था। श्रीराम ने भक्तों पर कृपा करने के लिए ही जन्म लिया था।

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