समाज के महापुरुषों को पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व आदिवासी दिवस पर निकाली भव्य शोभायात्रा, एकता समभाव का दिया संदेश

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर


पश्चिमी मप्र के जिला झाबुआ के मेघनगर में दशहरा मैदान पर विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आमसभा आयोजित कर नगर में धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में सर्वप्रथम आदिवासी समाज के महापुरुषों को माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये गये। वही पलवाड़ क्षेत्र का पत्रकार देवीसिंह भूरिया को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई । वही सर्वप्रथम समाज के वरिष्ठ एडवोकेट प्रकाश गणावा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आदिवासी दिवस न केवल मानव समाज के एक हिस्से की सभ्यता एवं संस्कृति की विशिष्टता का द्योतक है, बल्कि उसे संरक्षित करने और सम्मान देने के आग्रह का भी सूचक है। आदिवासी समुदायों की भाषा, जीवनशैली, पर्यावरण से निकटता और कलाओं को संरक्षित और संवर्धित करने के प्रण के साथ आज यह भी संकल्प लिया जाए कि अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में उनके साथ कदम से कदम मिला कर चला जाए। वही समाज के अपसिह वसुनिया ने अपने संबोधन में कहा कि इन पहलुओं को रेखांकित करते हुए आज की यह विशेष प्रस्तुति में आदिवासी अस्तित्व का सवाल हैं और हमारे सामाजिक कार्यकर्ता धूमधाम से विश्व आदिवासी दिवस मना रहे हैं, तब हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम आदिवासी मूलवासी लोगों की दशा और दिशा की ईमानदारी से समीक्षा करें।

झारखंड की बबिता कच्छप ने दिया उद्बोधन
कार्यक्रम में विशेष वक्ता के रूप में झारखंड से पधारी बबीता कच्छप ने बताया कि हम यह देखें कि जो संवैधानिक अधिकार भारतीय संविधान ने हमें दिया है, इसे अपने समाज राज्य और देशहित में उपयोग कर पा रहे हैं या नहीं चाहे जल, जंगल, जमीन पर परंपरागत अधिकार हो। पांचवीं अनुसूची में वर्णित प्रावधान हो, ग्रामसभा का अधिकार होए सीएनटीए एसपीटी एक्ट के प्रावधान होंए वन अधिकार कानून हो या फिर स्थानीय नीति के प्रावधान हों। हम देखें कि धर्मांतरण बिल के प्रावधान व जमीन अधिग्रहण बिल 2017 के प्रावधानों ने हमारा कितना हित किया है। विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए जब हम रंगमंच में विभिन्न लोकगीत, संगीत और नृत्य से लोगों के दिलों में अपनी पहचान और इतिहास को उभारने की कोशिश कर रहे हैं, तब इस गीत को भी नहीं भूलना चाहिए, जो अंग्रेजों के खिलाफ 9 जनवरी 1900 को डोम्बारी पहाड़ पर बिरसा मुंडा के लोगों के संघर्ष को मुंडा लोकगीत में याद करते हैं, डोम्बारी बुरू चेतन रे ओकोय दुमंग रूतना को सुसुन तना, डोम्बारी बुरू लतर रे कोकोय बिंगुल सड़ीतना को संगिलकदा, डोम्बरी बुरू चतेतन रे बिरसा मुंडा दुमंग रूतना को सुसुन तना, डोम्बरी बुरू लतर रे सयोब बिंगुल सड़ीतना को संगिलाकदा, डोम्बारी पहाड़ पर कौन मंदर बजा रहा है, लोग नाच रहे है, डोम्बारी पहाड़ के नीचे कौन बिगुल फूंक रहा है जो नाच रहे हैं, डोम्बारी पहाड़ पर बिरसा मुंडा मांदर बजा रहा है। लोग नाच रहे हैं डोम्बारी पहाड़ के नीचे अंग्रेज कप्तान बिगुल फूंक रहा है लोग पहाड़ की चोटी की ओर ताक रहे हैं। समाज के अंदर हो रही घटनाओं पर हमें चिंतन करने की जरूरत है, चाहे अंधविश्वास के कारण हो रही हत्याएं या उग्रवादी-माओवादी हिंसा के नाम हर साल सैकड़ों लोगों की हत्याएं, अपहरण, बलात्कार, मानव तस्करी जैसे अमानवीय घटनाएं हों, इनसे आदिवासी.मूलवासी समाज को ही नुकसान हो रहा हैण् परिणामस्वरूप समाज की समरसताए एकता विखंडित होने से जल, जंगल, जमीन लूटने वालों की शक्ति बढ़ती जा रही है। आदिवासी.मूलवासी किसान, दलित-मेहनतकश समाज की सामाजिक, आर्थिक, संस्कृतिक और राजनीतिक संगठित शक्ति कमजोर होती जा रही है। आज जनविरोधी नीतियों की आलोचना करने पर देशद्रोह के मुकदमे का सामना करना होगा। पथलगड़ी के नाम पर सैकड़ों मुंडा आदिवासियों पर देशद्रोह का मुकदमा किया गया है। हजारों बेकसूर आदिवासी युवक जेल में हैं। वही समाज के महेंद्र भाभर ने उद्भबोधन में कहा कि जल-जंगल-जमीन की लूट तेजी से बढ़ रही है, जिससे हमारी पहचान. सरना व ससनदीरी पर भी हमला बढ़ रहा है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में मेघनगर अनुविभागीय अधिकारी पराग जैन, तहसीलदार राजेश सोरते, मेघनगर जनपद अध्यक्षा सुशीला प्रेमसिंह भाबर, जनपद सीओ वीरेंद्र रावत सभी ग्रामो के सरपंच, सचिव कार्यक्रम उपस्थित थे। मंच का संचालन अनिल कटारा द्वारा किया गया। वहीं आभार जयस संगठन के संरक्षक मानसिंह भूरिया ने माना। उक्त आयोजन में हेमंत गरवाल, कैलाश सहलोत, सकना बारिया, दिलीप डामोर, राजेन्द्र गरवाल, दिलीप मुणिया, दिनेश वसुनिया, राजेश मुणिया, मुन्ना भूरिया, सकना बारिया, राजेन्द्र डामोर, रमेश डामोर आदिवासी समाज के कई गैर राजनीतिक संगठन के साथ साथ कई समाज जनों ने कार्यक्रमों में शिरकत की। आम सभा के बाद नगर में शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें समाज जन अपनी पारम्परिक वेशभूषा में विशेष नृत्य करते हुए नजर आए।

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