राष्ट्रीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल जिले के धर्मेन्द्र पंचाल को पुणे में मिला अवॉर्ड

0

भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
किसी ने सच ही कहा है कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसी ही कोशिश झाबुआ जिले के मेघनगर में रहने वालें धर्मेन्द्र पांचाल ने अपने हुनर और काबिलियत के दम पर शॉर्ट फिल्म बनाकर की। धर्मेन्द्र पांचाल के पिता स्व. बाबू पांचाल वर्षो पहले दशानंद यानी रावण का पुतला बनाने का कार्य पंचायत द्वारा दिए गए ठेके पर किया करते थे। उक्त पुतले को बनाने में महीनों पहले स्व. बाबू पांचाल द्वारा घर पर मुकुट बनाना, रावण के अलग अलग पुतले बनाना जैसे कार्य को किया जाता था। जिसको देख धर्मेन्द्र पांचाल भी अपने पिता के साथ अकसर पुतला बनाने में हाथ मदद करते थे, और समय बितता गया धर्मेन्द्र पांचाल को अभिनय एंव पिता से मिले हुनर के रंग में रंगने में ज्यादा समय नहीं लगा उन्होंने आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के बावजूद भी कभी नाट्य कला तो कभी कभी छोटे छोटे किरदार का भी अभिनय करते रहे। धर्मेन्द्र पांचाल ने अपनी आर्थिक जीवन को चलाने के लिए टॉम एंड जैरी, डोनाल्ड डक, सेठ सेठानी ती नकली वेशभूषा किराये पर देकर अपने हुनर और जीवन जीने के तरीके को मजबूत बनाया। देखते ही देखते फिर क्या था एक मेहनतकश इंसान एंव हुनर से आसमान की बुलंदियां हासिल की जा सकती है। वैसा ही धर्मेन्द्र पांचाल के साथ हुआ उन्होंने अपने मित्रों एंव परिवारजनों के साथ मिलकर सत्य घटना पर आधारित शॉर्ट फिल्म का निर्माण किया जिसकों सराहते हुए तृतीय इंदपुर राष्ट्रीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2019 से नवाजा गया। धर्मेन्द्र पांचाल को यह सम्मान महाराष्ट्र के पुणे शहर में डायरेक्टर सोमनाथ जगतप द्वारा इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। अवार्ड मिलने के बाद धर्मेन्द्र पांचाल ने कहा कि यह उनके अकेले कि मेहनत नही है मैं धन्यवाद करता हूं। शहीद चंद्रशेखर आजाद की माटी को जिसके जिले की मेघनगर तहसील में मैंने जन्म लिया। उक्त नरबली फिल्म में मेघनगर के समाजसेवी रमेश राकेचा ने भी पुलिस का अभिनय कर अहम भूमिका निभाई। पांचाल को सम्मान मिलने के बाद मेघनगर झाबुआ जिले के साथ साथ मध्यप्रदेश का भी गौरव बढ़ा है एंव परिवार एंव मित्रों द्वारा बधाई संदेश का दौर भी जारी है।
पांचाल ने किया राज्सथान के कुशलगढ़़ में फिल्म प्रोडक्षन हाऊस का निर्माण
धर्मेन्द्र पांचाल ने बताया कि आगामी मेरी कई शॉर्ट फिल्म आ रही है जिसमें गुनहगार (खुशियों के रंग) बेटी की खुशियां फिल्म रिलीजिंग की तैयारी है। इन फिल्मों मे मैंने ऐसे जरुरतमंद लोगों हुनर के आधार पर अवसर दिया है जिससे वह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार कर स्वालंबी बन सकते है। धर्मेन्द्र पांचाल जल्द ही मेघगनर में एक शॉर्ट फिल्म दर्शाने जा रहे है जो कि सत्य घटना पर आधारित होगी।
)

Leave A Reply

Your email address will not be published.