मिशन क्लीन मुहिम , मुख्यमंत्री के आदेश को प्रशासन का ठेंगा, नगर परिषद सीएमओ को किसका है , डर क्यों हट रहे हैं भू माफियाओं पर कार्रवाई से पीछे ?

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एंटी माफिया मुहिम चलाकर कई माफियाओं के नाक में नकेल डाल दी है। झाबुआ जिले के मेघनगर को छोड़कर प्रत्येक शहरी एवं कस्बा क्षेत्रों में इसका उदाहरण आप देख सकते हैं। अतिक्रमण मुहिम के विपरीत मेघनगर शहर की बात की जाए तो यहा पर भू माफियाओं व प्रशासन की मिलीभगत धन बल के आधार पर दबाव प्रभाव साफ देखा जा सकता है। नगर परिषद द्वारा 22 दिसंबर को नगर में मुनादी कराई गई। जिसके बाद रोज कमाकर रोज खाने वाले छोटे व्यापारी जिसमें अधिकतर गरीब तबके के व्यक्तियो द्वारा अतिक्रमण नुकसान के चलते अस्थाई दुकानों हटा लिया गया। अब बड़ा सवाल यह पैदा होता है की मुनादी करवाने के बाद तीन दिन बीत जाने के बाद भी नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण को चिन्हित करने वाली लाइन क्यों नहीं डाली गई। जिससे नगर के कई व्यापारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है एवं कई छोटे व्यापारी जो अपने रोजमर्रा का जीवन छोटा व्यापार कर दो वक्त की रोटी का गुजारा करते हैं उनमें पान की दुकान गोली चॉकलेट बिस्कुट की दुकान चाय की दुकान लगाकर अपने परिवार का पेट भरते हैं उन्हें जीवन यापन करने की समस्या पैदा हो गई है। अतिक्रमण का स्तर क्या होगा और क्या प्रशासन की मंशा होगी यह तो अतिक्रमण सफाया होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि भू माफियाओ के खिलाफ चलाए इस मिशन मे बेवजह छोटी-छोटी गुमटीओ वाले अस्थाई दुकानदारो को परेशान किया जाए। शासन और प्रशासन की रडार पर बड़े भूमाफियाओं लेना चाहिए जो सरकारी जमीन पर हराम की कमाई से ताजमहल बना कर तानाशाही कर रहे हैं।

मेघनगर सीएमओ को आखिर किसका है डर ?

मेघनगर में कहां-कहां सरकारी जमीनों पर पक्के निर्माण कर दुकानें व भवन कांप्लेक्स बना लिए गए हैं नगर का बच्चा बच्चा इससे वाकिफ है लेकिन नगर परिषद यह सब जानकर भी अनजान बनने का ढोंग कर आंखों पर पट्टी बांधकर मिशन क्लीन अतिक्रमण मुहिम में ढील पोल कर रही है। नगर में अतिक्रमण का सबसे बड़ा जीता जागता उदाहरण सरसी बाई धर्मशाला में अवैध कब्जा है जो गरीबों के हक पर डाका डालकर गरीबों की दुकानें छीनकर उन्हें यतीन और रोड पर लाकर खड़ा कर दिया। बस स्टैंड पर अतिक्रमण कटारिया बुक स्टॉल के पीछे अतिक्रमण, शासकीय स्कूल के सामने अतिक्रमण औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण जनपद क्षेत्र के दोनों दिशा में अतिक्रमण रेलवे स्टेशन को पेट्रोल पंप से जोड़ने वाली गली में अतिक्रमण, टाउन हॉल के पास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, यह जमीने सराकरी है जिसका दावा भू राजस्व के नक्शे एवं कागजात चिल्ला चिल्ला कर आज भी सरकारी होने का दावा कर रहे है। लेकिन मेघनगर सीएमओ साहब कारवाई ना करके अपनी मस्ती में मस्त नजर आ रहे हैं सरसी बाई धर्मशाला को लेकर लगातार पिछले कई माह से नगर परिषद सीएमओ अतिक्रमण कारी द्वारा स्टे लाने की बात कर रहे हैं लेकिन जब उसके प्रमाण मांगे जाते हैं तो सीएमओ हां मैं कार्रवाई कर रहा हूं कुछ दिन और रुको कहकर टाल देते हैं इतना ही नहीं मीडिया द्वारा इस मामले को लेकर सूचना के अधिकार में तहसील एवं नगर परिषद से अतिक्रमण कारी द्वारा स्टे लाने की बात को लेकर एक सर्टिफाइड कॉपी जमीन के मूल दस्तावेज की जानकारी भी मांग चुके हैं लेकिन जानकारी अभी तक प्राप्त नही हुई है। कई बार नगर के समाजसेवियों ने 181 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी शिकायत कर चुके है वह शिकायत नगर परिषद के डेस्क कंप्यूटर पर ही धरी की धरी रह गई जिससे साफ पता चलता है कि भू माफियाओं से नगर परिषद की सेटिंग जोरों पर है।

 

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