फुटतालाब में हजारों पदचिन्हों ने उकेरा भक्ति का मिनी कुंभ, पंडाल में नहीं बची पैर रखने की जगह

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लोहित झामर, मेघनगर

एक साथ गरबों पर थिरकते हजारों कदम, चारों ओर श्रद्धालुओं का हुजुम, भारत की धार्मिक संस्कृति को एक-रंग देते रंग बिरंगे पांरपरिक  परिधान, भव्य व्यवस्थाओं के बावजुद छोटा पड़ता आयोजन स्थल और पुरे पांडाल में खचाखच भीड यह दृश्य इन दिनों प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर पर भक्ति के असिमरणीय स्वरूप को मध्यप्रदेश के नक्शे पर गहरा कर रहे है।

मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप  मे पिपिलखुटा के श्रीहनुमंत आश्रम के महंत दयाराम दास जी महाराज सभी साधु संत संस्कृत महाविद्यालय के छात्र  पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया कांग्रेस  के जिला अध्यक्ष प्रकाश रांका जिला पंचायत की अध्यक्षा सोनम जसवंत भाबर भाजपा महामंत्री गौरव खंडेलवाल राजेश वसुनिया वरिष्ठ पत्रकार नरेश प्रताप सिंह महेश प्रजापत दिनेश पडियार उपस्थित थे l  श्रीवनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर नवरात्रि महोत्सव समिति के वरिष्ठ सदस्य और जनप्रिय समाजसेवी सुरेश चंद्र पूरणमल जैन और राजेश रिंकू जैन ने बताया कि माँ के दर्शनों के लिए दूर-दूर से माँ के भक्त फुटतलाव पहुँच रहे हैँ….माँ की महाआरती और उसके बाद माँ की स्तुति में किए जा रहे हैं गरबो को खेलने और देखने के लिए भी भीड़ जिले के साथ-साथ प्रदेश के कई जिलों से यहाँ पहुँच रही है l मंगलवार रात  फुटतालाब आयोजन की मुख्य सडक पूरी तरह वाहनों की लंबी कतारों से सजी दिखाई दी l लोग गरबा पंडाल तक ही नही पहुँच पाएँ l समाजसेवी सुरेश जैन और रिंकू जैन ने  ने बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था की लेकिन इतनी भीड पहुँची की पंडाल  छोटा पड गया l 

आयोजन को देखने के लिए गुजरात राजस्थान और प्रदेश के कई जिलों से पहुँच लोग रटे लोग आयोजन की व्यवथाओ और अनुशासन की प्रशंसा करते हुए दिखाई दिए l 1100 दीपो से गुजरात के गरबा ग्रुप में माँ की महाआरती मुख्य अतिथियों के साथ की l यहाँ ओसम गरबा एंड डाँस ग्रुप थांदला ने वीर शिवाजी के जीवन चरित्र पर भावनात्मक कर्मों की झाकियाँ प्रस्तुत की इसके साथ ही कल्याणपुर के मेघराज और साथियों ने नशा मुक्ति पर गरबा प्रस्तुत कर लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की दोनों ही समूहों को प्रस्तुति पर मुख्य अतिथियों ने और जैन ने पुरस्कार प्रदान किया l भारत के बडे गरबा गायक अपूर्व शाह के गाये गरबे पंखिडा इतनी शक्ति हमे देना दाता पाँवली लींने हूँ तो पावागढ गयी थी थारा बिना श्याम मने डाकोर ठाकोर पर गरबो का उत्साह चरम पर पहुँच गया l

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