झाबुआ पुलिस का सराहनीय कार्य…स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल, समय पर नहीं पहुंची 108 एम्बुलेंस 

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लोहित झामर, मेघनगर

जिले में खाकी का एक बार फिर मानवीय चेहरा सामने आया है। मेघनगर थाना क्षेत्र में प्रसव पीड़ा से तड़प रही एक महिला के लिए पुलिस उस वक्त मसीहा बन गई, जब सूचना देने के बाद भी 108 एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नर्स की मदद से सड़क किनारे ही सुरक्षित डिलीवरी करवाई और जच्चा-बच्चा को अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाया। यह है पूरा मामला जानकारी के अनुसार, घोसलिया छोटा निवासी गर्भवती सीमा भूरिया को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तत्काल 108 एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन काफी देर इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। महिला की हालत बिगड़ती देख घबराए परिजनों ने मदद के लिए पुलिस को फोन किया। 

पुलिस ने नर्स को साथ लेकर किया रेस्क्यू सूचना मिलते ही मेघनगर थाना प्रभारी के.एल. वर्कड़े और आरक्षक (171) विक्रम बरिया ने तत्काल मोर्चा संभाला। वे सीधे अस्पताल पहुंचे और वहां से एक नर्स को साथ लेकर मौके पर रवाना हुए। घटनास्थल पर पहुंचकर नर्स की मदद से सड़क किनारे ही महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला ने एक स्वस्थ बेटी (लाड़ली लक्ष्मी) को जन्म दिया। पुलिस वाहन से पहुंचाया अस्पताल डिलीवरी के बाद नवजात और प्रसूता को प्राथमिक उपचार के लिए पुलिस ने अपने ही वाहन (थाना मोबाइल) से मेघनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। समय पर मदद मिलने से एक बड़ा हादसा टल गया। इस पूरे मामले में मेघनगर थाना प्रभारी के.एल. वर्कड़े और आरक्षक विक्रम बरिया की तत्परता और सहयोग की क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है।

आखिर क्या है कारण 108 का लेट पहुंचना

कुछ दिन पूर्व अभी मेघनगर के पास के गांव से एक महिला को हाथ गाड़ी से अस्पताल लाया जा रहा था आधे रास्ते में एंबुलेंस पहुंची और फिर उससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया आखिर स्वास्थ्य विभाग के इतनी बड़ी लापरवाही क्यों?

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