जैन समाज के वरिष्ठ सुश्रावक हँसमुखलाल वागरेचा ने लिया संथारा ; धर्ममय माहौल में संथारा साधना गतिमान

लोहित झामर, मेघनगर

पूज्यश्री नंदचार्य साहित्य समिति के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी स्वर्गीय मिश्रीमलजी वागरेचा के सुपुत्र एवं तप चक्रेश्वरी, महतारी स्नेहलता बहन वागरेचा के धर्म सहायक धर्मनिष्ठ, दानवीर सुश्रावक हँसमुखलालजी वागरेचा, मेघनगर ने आज धर्मदास गण नायक, बुद्धपुत्र, प्रवर्तक देव पूज्यश्री जिनेन्द्रमुनिजी मसा से नवागांव जाकर भवचरियम नियम ग्रहण किया। भवचरियम नियम ग्रहण करने के बाद मेघनगर आकर तत्वज्ञ पूज्य श्री धर्मेंद्रमुनिजी मसा के मुखारविंद से पूर्ण संथारा ग्रहण किया। आपने पूर्ण चेतन अवस्था मे स्वेच्छा से आजीवन चौविहार संथारा ग्रहण किया है। महासती पूज्याश्री निखिलशिलाजी मसा आदि ठाणा 2 भी थांदला से उग्र विहार कर मेघनगर पधारे है। आपकी संथारा साधना गतिमान है।

उल्लेखनीय है कि हसमुखलालजी पूज्यश्री नंदचार्य साहित्य समिति मेघनगर के मुख्य व्यवस्थापक, युवा समाजसेवी पंकज भाई वागरेचा एवं नीलेश भाई वागरेचा के पिताश्री है।

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