कारखानों में वायु जल प्रदूषण से रहवासी परेशान ; विधायक ने उठाया मुद्दा तो एसडीएम ने ली कल कारखाने के मालिकों की क्लास
भूपेंद्र बरमंडलिया@मेघनगर
– मेघनगर औद्योगिक क्षेत्र हमेशा कल कारखानों से निकले हुए जल एवं वायु प्रदूषण से सुर्खियों में रहता है। यहां की आबो हवा और जमीन के नीचे का भूजल प्रदूषित कल कारखानों में बिगाड़ के रख दिया है।जिससे आसपास के ग्रामीण खेती करने वाले कृषकों को भारी नुकसान एवं स्वास्थ्य व कृषि व्यवसाय के संबंधित हानियों का इजाफा बढ़ता जा रहा है। शहरी क्षेत्र भी इस भयंकर वायु और जल प्रदूषण से अछूता नहीं रहा है नगर में जितने भी बोरिंग व ट्यूबेल हैं वह सारे भूजल प्रदूषण से प्रदूषित हो चुके हैं। वह पिछले कई वर्षों से मेघनगर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को खुजली , बाल झड़ना,दमा और कई गंभीर बीमारियां बढती जा रही है। कई वर्षों से लुका छुपी और लिफाफे का खेल चला आ रहा है। पूर्व राज्य सरकार ने भी उठाए इनको रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट जैसे कई वादे शब्दों के मायाजाल से किए और वर्तमान सरकार भी इस पर कागजो पर कार्य कर रही है।लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हे व प्रदूषण की जन समस्या जस की तस बनी हुई है।
प्रदूषण पर विधायक ने उठाया मुद्दा तो मेघनगर एसडीएम ने ली फैक्ट्री मालिकों की क्लास
गुरुवार शाम का दिन मेघनगर के लिए फिर से दिलचस्प रहा । मेघनगर के तमाम मीडिया व जगरूक पत्रकारों के साथ थांदला विधायक वीर सिंह भूरिया मेघनगर के इंडस्ट्रीज एरिया ऑफिस पर पहुंचे जहां पर ऐकेवेयन अधिकारी सिंह नदारद दिखे तो सूत्र बताते हैं कि पॉल्यूशन इंस्पेक्टर भी इंदौर से मेघनगर किसी खास वजह से मेघनगर की फैक्ट्रियों का भ्रमण करने आए थे। विधायक के बुलाने पर पोलूशन इंस्पेक्टर ने विधायक जी से मिलने की बात कही तो श्री बिसेन मेघनगर से बदनावर पूहुचने व उनके उच्च अधिकारी के आदेशानुसार भोपाल तलब होने की बात कहकर बचते हुए नजर आएं। जिस पर विधायक वीर सिंह भूरिया ने मेघनगर एसडीएम थाना प्रभारी व झाबुआ अलीराजपुर प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र हनी बघेल को कल कारखाने से फैल रहे प्रदूषण के बारे में अवगत कराया। अगले ही दिन मेघनगर एसडीएम मोहांलाल मालवीय व तहसीलदार राजेश सोरते ने मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे कल कारखानों के मालिकों से चर्चा की जिसमें स्पष्ट स्ट्रक्शन दिया कि किसी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ या फिर प्रदूषण फैलाने वाले कल कारखानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।अब देखना यह है कि पूर्व की तरह आगे किस तरह का रंग नई सरकार दिखती है या फिर प्रदूषण फैलाने वाले कल कारखाने पूर्व की तरहचलते रहेंगे या शासन प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई करेगा।
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