अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अनेक आयोजन हुए

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
प्रतिवर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर महिला मुद्दों को लेकर शासन प्रशासन, शासकीय-अर्धशासकीय एवं समाजसेवी संस्थानों द्वारा भी अनेकानेक गतिविधियों का आयोजन प्रतिवर्ष व्यापक स्तर पर किया जाता है, जो कि समाज मेें नारी शक्ति को स्थापित करने की दिशा में सराहनीय और प्रशंसनीय पहल है। इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाये तो ज्ञात होता है कि समाज व देश के विकास में जितना योगदान पुरूष वर्ग का रहा है उतनी ही महत्पूर्ण भूमिकाएं नारी शक्तियों ने भी अदा की है इस बात में कोई अतिश्योक्ति नहीं है। आधुनिक विश्व में सभी क्षेत्रों में चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र, तकनीकी का क्षेत्र हो या फिर राजनीति का सभी क्षेत्रों में महिलाएं भी अपनी प्रतिभाओं का परचम लहराकर देश-विदेश में अपना कीर्तिमान स्थापित कर देश को गौरान्वित कर रही हैं जो कि समाज व देश की बड़ी उपलब्धि है। आधुनिक समाज में अक्सर देखा या सुना जाता है कि पारिवारिक या सामाजिक मुद्दों पर महिलाओं को कुछ बोलने या करने की स्वतंत्रता से अक्सर पीछे रखा जाता है जो कि हमारे समाज की एक दयनीय व्यवस्था को दर्शाता है। शासन-प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा महिला उत्थान की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से निसंकोच इस व्यवस्था में काफी हद तक सुधार हुये हैं किन्त ुसमाज व देश के संपूर्ण विकास के लिये इस व्यवस्था में पूर्ण रूप से सुधार किया जाना अभी शेष है। गांव-पंचायत के विकास में महिलाओं की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित हो, नारी शक्ति को समाज में स्थापित करने के लिये किस प्रकार सामूहिक प्रयास किये जाए। उक्त विषयों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विकासखंड मेघनगर के ग्राम आमलीपठार में स्वयंसेवी संस्था वसुधा विकास संस्थान की मादल टोली द्वारा नारी शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में स्थानीय आदिवासी महिलाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। वसुधा संस्था द्वारा आयोजित नारी शक्ति सम्मेलन के प्रथम चरण में संस्था की परियोजना समन्वयक जयमाला प्रजापति ने महिलाओं को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की महत्ता की विस्तार से जानकारी दी। बैठक के अगले चरण में गांव पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य, दहेज-धापा, शराबबंदी, कम उम्र में बालिकाओं को विवाह इन सभी बुराईयों को अपनी पंचायत से कैसे दूर किया जाये इन विषयों पर सामूहिक चर्चा कर बात की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रही गांव की पंच संगीता राठौर ने महिलाओं को सुझाव देते हुये कहा कि बालविवाह रोकने की पहल हम अपने घरों से करेंगें हम अपने घरों में किसी भी बालिका जिसकी कम उम्र है उसका विवाह नहीं होने देगें साथ ही साथ गांव पंचायत की अन्य महिलाओं को भी इसके लिये प्रेरित करेंगे। बाल विवाह की चर्चा के दौरान बाल विवाह नाटक की प्रतुति भी दी गई नारी शक्ति सम्मेलन के अगले चरण में संस्था समन्वयक जयमाला प्रजापति और संस्था के अन्य कार्यकर्ता उमेश मेड़ा, रणवीर सिसौदिया ने महिलाओं को ग्रामसभा और पंचायत बजट पर जानकरी देकर ग्राम सभाओं में बढ़-चढकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित यह नारी शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम वसुधा विकास संस्थान की परियोजना समन्वयक जयमाला प्रजापति के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में आयोजित किया गया जिसमें संस्था की स्वसेवी कार्यकर्ता मीना सिसौदिया, कमीता डामोर, रणवीर सिसौदिया, उमेश मेड़ा और गांव आमलीपठार की नारी शक्तियों गांव की पंच संगीता राठौर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता झमकु भूरा, सहायिका देवली राठौर, कृष्णा स्व सहायता समूह से शान्ता राठौर, शांति सेमला ने महत्पूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
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