300 से अधिक स्वयंसेवकों ने घोष की धुन पर कदमताल मिलाकर निकाला पथ संचलन

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गोपाल राठौड़, कट्ठीवाड़ा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन कट्ठीवाड़ा में सम्पन्न हुआ। संचलन प्रारम्भ होने से पहले धार विभाग प्रचार प्रमुख अंकित राठौड़ ने उपस्थित स्वयंसेवको को उद्बोधन में कहा कि संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। संघ अपने कार्य की गुणवत्ता, दृढ़ीकरण व समाज परिवर्तन के लिए शताब्दी वर्ष में कार्य करेगा। 

सामाजिक समरसता, स्व बोध, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक अनुशासन एवं पर्यावरण के विषय को स्वयंसेवक समाज मे जाकर पंच परिवर्तन के लिए कार्य करेंगे। देशभक्त तैयार करने का केंद्र है संघ की शाखाएं। संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में की थी। आज भारत की शक्ति और सामर्थ्य दोनों बड़ा है। वर्तमान में विश्व की भारत की ओर देखने की दृष्टि भी बदली है। आज भारत विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। भारत प्राचीन काल से ही विश्व गुरु है, आगे भी रहेगा। हमे अपने गौरवशाली इतिहास को सदैव याद रखना चाहिए। समाज को भी संगठित रहकर अपनी शक्ति जागृत करने की आवश्यकता है। जब-जब देश पर विपत्ति आती है संघ का स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से सेवा में लग जाता है। वर्तमान में संघ के अनेकों सेवा कार्य चल रहे है। संघ के स्वयंसेवक स्वयं की प्रेरणा से समाज का कार्य करते है। गणवेश में 300 से अधिक स्वयंसेवकों ने घोष की धुन पर कदमताल मिलाकर संचलन में भाग लिया। कार्यक्रम में मंचासीन आलीराजपुर जिला संघचालक नानसिंह धाकड़ थे। नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए निकला संचलन जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

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