गोपाल राठौड़, कट्ठीवाड़ा
माता शबरी कन्या आवासीय कन्या परिसर में 50 से अधिक छात्राओं की अचानक तबियत बिगड़ने से हड़कंप मच गया। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कट्ठीवाड़ा ले जाया गया। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासनिक अमला किसी घटना के बाद ही अपनी नींद से जागता है? अगर लड़कियां बीमार नहीं होतीं, तो शायद अधिकारी अपनी गाड़ियों में बैठकर ही निरीक्षण कर लेते और सब कुछ ठीक होने की रिपोर्ट सरकार को भेज देते।
यह घटना शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग दोनों की पोल खोलती है। सुबह 10 बजे करीब 50 से अधिक लड़कियों की तबियत खराब होने की खबर मिलते ही उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ उन्हें अलग-अलग वार्डों में रखा गया। उनके परिजनों को भी सूचना दी गई, जो तुरंत अस्पताल पहुँचे।
