गायत्री शक्तिपीठ में राज्यपाल मंगू भाई पटेल पहुंचे, उन्होंने आदिवासी समाज से कहा शादी से पहले जेनेटिक काउंसिल कार्ड का मिलान करें

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल गुरुवार को गायत्री शक्तिपीठ हायर सेकंडरी स्कूल के स्नेह सम्मेलन कार्यक्रम में  शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में आदिवासियों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड के बारे में बताया।

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि शादी से पहले कुंडली का मिलान तो आम बात है। प्रदेश के आदिवासियों को शादी से पहले जेनेटिक काउंसिल कार्ड के मिलान की सलाह दी। राज्यपाल पटेल का मानना है कि सिकल सेल रोग को वर्ष 2047 तक समाप्त करने के लिए जरूरी है कि जनजातीय समुदाय के युवा, शादी के पूर्व जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड (GCC) का मिलान करें। सिकल सेल रोगी युवक-युवती किसी भी अवस्था में आपस में विवाह नहीं करें। गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से कराए। प्रसव के 72 घंटों के भीतर नवजात शिशु की जांच भी कराई जानी चाहिए।

कोरोना से भी घातक है सिकल सेल

राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल रोग जनजातीय समुदाय के लिए कोरोना से भी अधिक घातक रोग है। अनुवांशिक रोग होने के कारण सिकल सेल पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ी संख्या में लोगों की जान ले रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें 50 वर्ष पूर्व कोरोना की भयावहता की जानकारी हुई थी। वे तभी से रोग उन्मूलन के लिए प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मंत्रिमण्डल के चिंतन शिविर में उन्होंने मोदीजी को रोग के संबंध में जानकारी दी। जिस पर उन्होंने तत्काल उपचार और नियंत्रण के प्रयास गुजरात में प्रारम्भ कर दिये। आज गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जहां जनजातीय समुदाय की 95 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक रोग उन्मूलन के लिए केन्द्र सरकार के बजट में 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

जीवन की रक्षा सबसे पवित्र कार्य

राज्यपाल पटेल ने कहा कि टीबी, थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग उन्मूलन के लिए सरकार और समाज को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि रोग चिह्नित का कार्य जितनी कम उम्र में होगा। उसका नियंत्रण और उपचार उतना ही अधिक प्रभावी होगा। जरूरी है कि आंगनवाड़ी के बच्चों की जांच की जाए। रोग का प्रमाण मिलने पर बच्चों के परिजनों की भी जांच की जाए। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस कार्य में सहयोग के लिए आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति अपनी क्षमता और सामर्थ्य के अनुसार जो भी सहयोग कर सकता है, उसे करना चाहिए। बिना यह सोचे कि उसका योगदान कितना बड़ा अथवा छोटा है। उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा से बढ़कर कोई भी कार्य पवित्र नहीं है। इस भाव भावना के साथ सब मिलकर प्रयास करेंगे, तभी इन रोगों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है उन्होंने कहा कि, जीवन अमूल्य है पैसा, साधन नहीं, जीवन रक्षा महत्वपूर्ण है सिकल सेल एनीमिया हजारों जानों की सुरक्षा और संरक्षण की चिंता और चिंतन का विषय है। पीड़ित मानवता की सेवा कार्य को ईश्वरीय सौभाग्य मानकर कार्य करने पर ईश्वर का प्रसाद मिलता है। जरूरत मिशन भाव के साथ काम करने की है। संवेदनशील कार्य भावना के परिणाम आत्मिक आनंद देते हैं।

विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए

राज्यपाल मंगू भाई पटेल भीलखेड़ी ग्राम पंचायत के देगांव में विकसित भारत संकल्प यात्रा में शमिल हुए। वे 11.15 बजे विकसित भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत भीलखेड़ी में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने अभिभाषण में बीजेपी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि, मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 76 लाख आयुष्मान कार्ड जारी हो चुके हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ 16 हजार से अधिक पात्र हितग्राहियों को दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, समर्थन मूल्यों पर उपार्जन,कृषि अधोसंरचना निधि आदि विभिन्न किसान कल्याण योजनाओं के अंतर्गत विगत साढ़े तीन वर्षों में किसानों के खातों में लगभग 3 लाख करोड़ की राशि अंतरित की गई है। राज्यपाल मंगू भाई ने कहा कि, राष्ट्र्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने मध्यप्रदेश की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में आगे बढ़ने में उल्लेखनीय अवसर प्रदान किये हैं, सरकार द्वारा प्रदेश में लगभग 5 लाख स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 61 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा जा चुका है। पटेल ने कहा कि, विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ मध्यप्रदेश में 16 दिसंबर से शुरु हो चुका है। प्रदेश में यात्रा की कमान स्वयं जनता ने संभाली है। प्रधानमंत्री जी की गारंटी वाली गाड़ी प्रदेश के नगर-नगर और गांव-गांव में पहुंच रही है। “प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी नजरों में देश के गरीब, किसान, नारीशक्ति और युवा सबसे बड़े वीआईपी हैं। मेरी सरकार ने भी इससे प्रेरणा लेकर जन-जन के सुख-दुख को अपना सुख-दुख मानने और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रण लिया है।

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