जोबट के बीच बाजार पटाखों का अंबार, न नियमों का पालन न सुरक्षा का ध्यान

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

मंगलवार के दिन जोबट बीच बाजार में एक बड़ा हादसा टल गया.लेकिन यह घटना कुछ दिनों पहले हुए राणापुर पटाखा कांड की यादें ताजा कर गई. पटाखे की दुकान में आग को लोगों की सक्रियता से काबू पा लिया गया लेकिन बाजार में भगदड़ मच गई. लोग वे आसपास के दुकानदार जैसे तैसे अपने जान को बचते भागे. यह घटना मंगलवार को दोपहर 3:30 व 4 बजे के आसपास की है।

 

जोबट के गांधी चौक वह अटल चौराहे के बीच में आज मंगलवार करीब 3:30 बजे के आसपास खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ जमा थी। इसी दौरान खुले में रखें पटाखा बेच रहे दुकानदार बुरानी पिता शकीर (बोहरा) की दुकान में पोटाश में चिंगारी लगने की वजह से अचानक विस्फोट हो गया, जिससे उसके आसपास दुकान में रखें पटाखे वह अन्य सामान के चीथड़े उड़ गए।विस्फोट होते ही बीच बाजार में अफरा तफरी मच गई। आसपास के दुकानदारों की सूझबूझ से पटाखे से लगी आग पर काबू पाया गया।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखों का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है

जोबट नगर के सबसे व्यस्ततम और भीड़भाड़ वाले मेन मार्केट में पटाखे की दर्जन भर दुकानें खुलेआम चल रही हैं। नियम कानून को ताक पर रखकर चलने वाली इन दुकानों पर प्रशासन ने अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं की। निगम प्रशासन भी चुप्पी साधे है। नियमानुसार पटाखा दुकानों का संचालन रिहायशी इलाकों व घनी बसाहट वाले क्षेत्रों में नहीं होना चाहिए। ज्यादातर दुकानें नगर के बीचों बीच गांधी चौक,अटल चौराहा मेन मार्केट में भीड़भाड़ वाले इलाके में चल रही हैं। भीड़भाड़ वाले मार्केट दुकानों में भरे बारूद के ढेर में जरा सी चूक से बड़ा हादसा भी हो सकता है। कई पटाखा दुकानों के आसपास होटल हैं। दिन भर आग की भट्ठी जलती है समोसे, चाय से लेकर अन्य खाद्य सामग्री बनाई जाती है हलकी सी चिंगारी पटाखा दुकानों तक पहुंची तो आसपास का इलाका स्वाहा हो जाएगा।

नगर में बाजार के बड़े हिस्से पर अतिक्रमण और वाहनों की पार्किग के कारण दिन भर जाम लगना रोज की समस्या है। इन दुकानों तक जाने वाली सड़कों पर बाइक, कार जैसे वाहन जाम में फंस जाते हैं। आग लगने पर फायर ब्रिगेड वाहन पहुंचने में ही कई घंटे लग जाएंगे।पूरे बाजार क्षेत्र में बिजली के खंभों पर तारों का बेतरतीब जाल बिछा हैअग्नि दुर्घटना होने पर पटाखा दुकानों के आसपास की दुकानें चपेट में आने पर जानमाल के भीषण नुकसान का खतरा है। बारूद एवं पटाखा भंडारण व विक्रय के लिए कड़े नियम कानून होने के बावजूद जोबट नगर में इनकी धज्जियां उड़ रही हैं। कई ऐसे व्यापारी हैं, जिन्होंने अपने गोदाम, रिहायशी इलाकों में पटाखों का भंडारण शहर की घनी आबादी के बीच स्थित मकानों में किया है। पुलिस व प्रशासन को इनके खिलाफ कार्रवाई करने की फुर्सत ही नहीं अब देखना यह है कि प्रशासन इन दुकानदारों पर क्या एक्शन लेती है।

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