मंत्री से शिक्षक बोले-कक्षा 9वीं से12वीं तक संस्कृत को अनिवार्य किया जाए

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आलीराजपुर/जोबट। मध्यप्रदेश संस्कृत शिक्षक संघ ने स्कूलों में कक्षा 9 वी से 12 वीं तक संस्कृत भाषा को अनिवार्य करने की मांग की है। इसे लेकर संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. छात्रवीर राठौर के नेतृत्व में विभिन्न जिलों से आए संस्कृत शिक्षकों और संस्कृत जिला प्रकोष्ठ प्रभारी ने स्कूल शिक्षा मंत्री से भेंट की ओर भेट के दौरान मंत्रीजी को बताया गया कि विद्यालयों में त्रिभाषा सूत्रों के अनुसार हिंदी, अंग्रेजी,  संस्कृत विषयों का अध्यापन वर्षों से किया जाता रहा है।   किंतु संस्कृत के स्थान पर विकल्प के रूप में व्यावसायिक शिक्षा को लागू किया गया है, इससे संस्कृत भाषा को नुकसान हो रहा है। संघ ने इसे नई   शिक्षा नीति 2020 के नियमों का उल्लंघन  हो रहा है ऐसा बताया ।   छात्र हित में व्यावसायिक शिक्षा जरूरी है, किंतु इसे संस्कृत के स्थान पर रखना उचित नहीं है।

व्यावसायिक शिक्षा को सातवें विषय के रूप में स्वतंत्र रखा जाए। इससे देववाणी /समस्त भाषाओं की जननी  संस्कृत भाषा का संरक्षण और संवर्धन संभव होगा। हरियाणा और दिल्ली बोर्ड में संस्कृत को अनिवार्य किया गया है उस ही तरह प्रदेश में भी इसे अनिवार्य किया जाए। यह माग विद्यार्थियों कुछ संस्कृत के संबंध में अच्छा ज्ञान हो और साथ ही संघ ने यह विचार किया है कि तमाम प्रकार के शास्त्र भी संस्कृत में लिखे गए हैं जिसका भी समय-समय पर हम सबको अध्ययन होता रहे ताकि संस्कृत भाषा की वर्णमाला को आने वाले पीढ़ी जान सके और पहचान सके। यह जानकारी प्राचार्य लोकेश नरगवगा ने दी।

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