आदिवासी बाहुल्य गांव हांडी में नहीं पहुंचा…. विकास, सड़क, बिजली, पानी के लिए अब भी जारी है संघर्ष

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

कल्पना कीजिए कि आजादी के कई दशक बाद भी किसी गांव में बिजली, सड़क, पेयजल व रोड नहीं हो तो वहां के लोगों का जीवन कैसा होगा। हम बात कर रहे हैं अलीराजपुर जिले के जोबट जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बिलासा के दूसर भाग हांड़ी की जहां आजादी के कई दशक बाद भी बिजली, सड़क, शुद्ध पेयजल जैसी मुलभुत सुविधाओं से ग्रामीण आज भी वंचित हैं,150 से अधिक की आबादी वाले इस गांव की जनता भी कर रही है सरकार से विकास की उम्मीद वीरान पड़ा है यह गांव नही पहुंचा है यहां विकास।

जोबट जनपद पंचायत जोबट के ग्राम पंचायत बिलासा के ग्राम हांडी में मूलभूत सुविधाओं के लिए स्थानीय लोग तरस रहे हैं, पंचायत का छोटा गांव बिलासा और हांडी की सीमा पर नदी है, शायद यही कारण रहा हो नदिया के उस पार बसे ग्रामीणों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं पहुंचाना ख्याल नही आया हो। इस गांव में 20 से अधिक मकान है, बिजली की व्यवस्था नहीं है कंक्रीट सीमेंट रोड़ भी इनके नसीब में नहीं है, पेयजल के लिए तरसते लोग एक उम्मीद लेकर जिला कलेक्टर महोदय के पास पहुंचे है, हांडी के निवासी भी चाहते है उनके ग्राम में बिजली, सीसी रोड की व्यवस्था हो, पीने के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था हो, ताकि उनके बच्चे भी लाइट के प्रकाश में पढ़ाई कर सके, दूषित जल पीकर बीमारी के शिकार न हो, आवागमन सुगम हो इस लिए रास्ते भी अन्य ग्रामों की तरह अच्छे बने, वो चाहते है की सम्मान के साथ उनके बच्चे भी पाठशाला भले ही दूर जाकर पढ़ाई करे लेकिन गांव में उक्त व्यवस्थाएं होने से पढ़ाई कर उच्च पद पर पहुंच सके। यही उम्मीद लेकर पड़ोसी गांव बलेड़ी के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष रमेश डावर, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष मुकेश बामनिया के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मांग पत्र सौंपा है।

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