एक दिवसीय प्लास्टिक मुक्त कार्यशाला का हुआ आयोजन

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live 

आज झाबुआ जिले के कृषि विज्ञान केंद्र राजगढ़ नाका में विश्व युवा केंद्र नई दिल्ली के सहयोग से ब्रैड फॉर ट्राईबल विलेज सहयोगी संस्था दलाई लामा फाउंडेशन मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय प्लास्टिक मुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक भीम सिंह जी डामोर, सामाजिक वानिकी विभाग झाबुआ से श्री करनजीत रंधावा सर, आदिवासी चेतना शिक्षण संस्थान से बेनेडिक डामोर सर, प्रजापति ब्रह्माकुमारी संस्थान से दीदी एवं दलाई लामा फाउंडेशन के सी.एस.आर. हेड श्री सचिन वाणी, बैंक ऑफ बड़ौदा स्वरोजगार के RSETI के प्रबन्धक श्री पाटनी जी उपस्थित थे, सबसे पहले मां सरस्वती एवं राजमाता सिंधिया की तस्वीर को माला चढ़ाकर कार्यशाला आरंभ की आदिवासी चेतना शिक्षण संस्था से बेनेडिक्टा मोर सर के द्वारा जनजाति क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से जल जंगल जमीन जानवर आदि के संरक्षण के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं उस पर अपने अनुभव साझा किए साथी उन्होंने यह चिंता भी जाहिर करें कि वर्तमान में प्लास्टिक शहरों से निकलकर गांव तक पहुंच चुका है और जमीन को बंजर बनाने का कार्य किया जा रहा है इस पर हमें सोचना होगा और संगठित रूप से प्रयास करना होगा साथ ही आदिवासी चेतना शिक्षण संस्थान की ओर से रेडियो टांटिया 95 .5 एफएम पर प्रतिदिन पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया जाएगा, साथी सामाजिक वानिकी विभाग से करणजीत रंधावा सर ने फॉरेस्ट विभाग की ओर से राष्ट्रीय बांस मिशन एवं पौधों को लगाने के तरीके के बारे में बताया, दलाई लामा फाउंडेशन के सी.एस .आर .हेड श्री सचिन वाणी जी के द्वारा प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली पर विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्तमान में प्रत्येक मनुष्य के दैनिक जीवन में प्लास्टिक एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन प्लास्टिक के उपयोग के बाद उसको वैज्ञानिक तरीके से डी कंपोस्ट करने के संसाधन एवं कौशल व्यक्तियों की कमी के कारण सीधे-सीधे पर्यावरण पर असर हो रहा है क्योंकि हजारों वर्ष बाद भी प्लास्टिक खत्म नहीं होता है जमीन में पड़ा रहता जिसके कारण वर्षा जल भूगर्भ मैं नहीं जा पाता है और सूखा बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है ,उदाहरण के लिए 2008 में मुंबई की बाढ़ हो या फिर सुनामी हो या उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदा हो या या महाराष्ट्र का बीड़ जिला हो जहां जमीन के नीचे से पानी बिल्कुल खत्म हो गया था और सरकार को मजबूरन ट्रेनों के माध्यम से पानी पहुंचाना पड़ा ऐसी स्थिति आज पूरे देश में हो रही है और अंधाधुन वृक्षों की कटाई हो रही है ,प्लास्टिक के ज्यादा ज्यादा उपयोग के कारण हमारी नदियां तालाब यहां तक कि समुद्र भी इससे अछूते नहीं रहे हर साल 50 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा हम समुद्रों में डाल रहे हैं जिसके कारण समुद्र की गहराई में रहने वाले जीव जंतु और वहां के पारिस्थितिक परितंत्र पर तो असर पड़ रहा है साथी 20 ग्राम माइक्रोन प्रतिवर्ष प्रत्येक मनुष्य अपने खाने पीने की चीजों में उसे उपभोग कर रहा है स्थिति और भी भगवा होने वाली है 2050 तक दुनिया के जितने भी समुद्र के किनारे विकसित शहर है वह जलमग्न हो जाएंगे यदि इन्हें बचाना है तो हमें हमारे दैनिक जीवन शैली को परिवर्तन करना होगा एक सामान्य छोटी-छोटी गतिविधियां हम कर सकते जल संरक्षण को लेकर प्लास्टिक का कम उपयोग करने को लेकर झूलों का प्रयोग कर सकते हैं और बायोडीजल चीजों का ज्यादा ज्यादा उपयोग करके हम पर्यावरण को बचाने में हमारी भूमिका निभा सकते हैं, प्रजापति ब्रह्मा कुमारी संस्थान से दीदी के द्वारा अध्यात्म और पर्यावरण के संबंध के विषय में बताया गया और प्रजापति ब्रह्मकुमारी के द्वारा जो योगी खेती और वृक्षों को संरक्षण का जो अभियान चलाया जा रहा है उसके अनुभव साझा किए एवं झाबुआ जिले में भी 5000 वृक्ष लगाए गए और उनके पालक बनाए गए और सभी वृक्ष लगभग जिंदा है इस प्रकार के अभियान निरंतर चलाए जा रहे हैं और किसी भी संस्था को अगर सहयोग हो तो प्रजापति ब्रह्मा कुमारी संसार के द्वारा सहयोग किया जाएगा ऐसा आश्वासन दिया गया।

मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री भीम सिंह जी डामोर के द्वारा आज मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले मैं विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली के सहयोग से १ दिवसीय प्लास्टिक मुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमे मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के जिला समन्वव्यक भीम सिंह जी, फोरेस्ट विभाग से करणजीति रंधावा, बडौदा स्वरोजगार संस्थान से पटनी सर, igsss भूरिया जी, AST बनेडिक डामोर, इंसाफ सेना के राष्ट्रीय महासचिव और दलाई लामा फाउंडेशन के CSR head के रूप मैं प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण पर अपने विचार रखे साथ ही इंसाफ सेना की और से 1 वर्षीय समाजिक गतिविधि कैलेंडर , सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता , राज्य स्तरीय आध्यात्मिक सम्ममेलन के बारे मैं जानकारी साझा की , मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद झाबुआ के जिला समन्वयक श्री भीम सिंह जी डामोर जी ने बताया कि जिले मैं कुल 24 नवांकुर तथा ,प्रस्फुटन समितियां 500 से अधिक कार्यरत है जिसमे वृक्षारोपण, प्लास्टिक के सीमित उपयोग, जल सरक्षण, जैविक खेती आधारित स्वरोजगार कार्यक्रम चलाकर बेहतर परिणाम मिल रहे है जिसमे कपड़े की थैली का प्रयोग, कागज का प्रयोग के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा ब्रेड फॉर ट्राइबल विलेज से कृष्ण सिंह जी बामणिया जी के द्वारा आगामी 1 वर्ष तक बीएफटी जन अभियान परिषद दलाई लामा फाउंडेशन इंसाफ सेना हिल फाउंडेशन आदि सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न गतिविधियां जैसे प्लास्टिक मुक्त कार्यशाला कम पैसों में वृक्षारोपण रेलिया प्रश्न मंच प्रतियोगिता पोस्टर खेल गतिविधियां संगोष्ठी इको ब्रिक्स कार्यशाला जैविक खेती की कार्यशाला, राज्य स्तरीय सामान्य ज्ञान आदि गतिविधियो का आयोजन किया जाएगा , बैंक ऑफ बड़ौदा स्वरोजगार संस्था से श्री पाटनी जी के द्वारा जिले में स्वरोजगार संबंधी जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें नर्सरी ट्रेनिंग जैविक खेती की ट्रेनिंग बकरी पालन मुर्गी पालन मछली पालन आदि अन्य गतिविधियां की ट्रेनिंग के बारे में जानकारी साझा करी, कार्यक्रम के अंत में बीएफटी से श्री कृष्ण सिंह जी बामनिया ने आभार माना एवं मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद दलाई लामा फाउंडेशन इंसाफ सेना प्रजापति ब्रह्माकुमारी संस्थान आईजीटी प्लेस आशा संस्था कृषि विज्ञान केंद्र आदि के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दिनेश जी पप्पू सिंह जी भूरिया अविनाश जी बारिया, सुनील गुंडिया, जय हिंद भुरिया जी आदि का विशेष सहयोग रहा।

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