झाबुआ। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की प्रेरणा से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में नीत नये प्रयोग किए जा रहे है। देश का नाम भारत हो , इंडिया नहीं इस प्रकार का निर्णय लेने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय हो गया, साथ ही विश्वविद्यालय में अब किसी भी प्रकार की बैठक में डिस्पोजल का उपयोग नहीं होगा यहाँ तक कि पीने के पानी के लिये प्लास्टिक की बॉटल के स्थान पर मेटल की बॉटल का उपयोग अब होगा । साथ ही नाम पट्टिका भी मातृभाषा हिन्दी में लिखी हुई है । विश्वविद्यालय में अब नई नियुक्तियाँ , प्रोन्नति आदि निरंतर हो रही है , कुलपति डॉ रेणु जैन के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय प्रगति की ओर बड़ रहा है । उक्त जानकारी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य ओम शर्मा ने दी।