बलिदानी भूमि मानगढ़ के वागड़ क्षेत्र में भी पहुँचा हलमा का निमंत्रण

राजस्थान-गुजरात के 300 गाँवों से शामिल होंगे हज़ारों लोग_

0

विपुल पांचाल@झाबुआ Live 

बीते वर्ष 1 नवंबर को मानगढ़ पर हुए विशाल कार्यक्रम ‘मानगढ़ धुली वंदना’ में शिवगंगा कार्यकर्ताओं ने मानगढ़ के आस-पास राजास्थान और गुजरात के 300 गाओं में घर-घर निमंत्रण दिया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के मुख्य मंत्री समेत हज़ारों लोगों ने शामिल होकर मानगढ़ की मिट्टी को माथे से लगाया था।

क्या है मानगढ़ का इतिहास?
मानगढ़, भीलों की बलिदान भूमि है, सन 1913 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए 1507 भीलों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। सामूहिक बलिदान इस बड़ी शौर्य गाथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नहीं दिखती।

300 गाँव के 30 हज़ार परिवारों में शिवगंगा कार्यकर्ता हलमा का निमंत्रण लेकर पहुँचे। गुजरात में हलमा परंपरा लाह नाम से प्रचलित है और राजस्थान में हलमा नाम से ही चलती है। दोनों राज्यों के लोगों ने उत्साह से हलमा का निमंत्रण स्वीकार किया। 25-26 फरवरी को झाबुआ गोपालपुरा हवाई पट्टी पर होगा यह विशाल आयोजन, राष्ट्रपति भी हो सकती हैं शामिल।

शिवगंगा प्रवक्ता विजेंद्र अमलियार ने बताया कि हलमा में शामिल होने को लेकर राजस्थान-गुजरात में मुख्य कार्यकर्ताओं की बैठक हो चुकी है जिसमें सभी ने मिलकर अपने-अपने गाँव की बैठक की योजना बनाई है।

“राजस्थान के आम्बा गाँव के प्रभुलाल पारगी ने बताया कि हलमा हमारे समाज की श्रेष्ठ परंपरा है जिसकी भावना खत्म होती जा रही थी। शिवगंगा के प्रयासों से आशा की किरण दिखती है। हम सभी उत्साह के साथ हलमा करने आएंगे।”

गुजरात के गाँवों में हलमा का निमंत्रण कर रहे, लिमड़िया गाँव के शैलेश भाई गरासिया ने बताया कि मानगढ़ के विशाल आयोजन और घर-घर संपर्क ने, गौरवशाली इतिहास से सबको परिचय कराकर स्वाभिमान जगाया है।
हम सब भी मिलकर हलमा को गाँव स्तर पुनर्जीवित करेंगे।

बैठक में गुजरात के मोटा नटवा गाँव के शंकर कटारा, राजस्थान के आमला गाँव से प्रभु महाराज पारगी, घटिया से मगनलाल पारगी, चायणां से पूनमसिंह जी महाराज, टेमरण से गौतम लाल पारगी, बरजड़िया से जितमल, नवागरा से विनोद कुमार पारगी, टोरी से धीरज महाराज और राजस्थान के अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। झाबुआ के सामाजिक कार्यकर्ता कलमोड़ा गाँव के रामसिंह भाई और विजेंद्र अमलियार ने संबोधित किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.