EXLUSIVE NEWS: अब होगा इन 22 नई पंचायतो का गठन, 36 गांवो को चुना.. क्या आप भी इन गांवो में रहते है…?

0

Salman Shaikh@ Jhabua Live

पेटलावद। भले ही अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट के चलते राजनीतिक दल सक्रिय नही हुए हो, लेकिन प्रशासन ने अपने स्तर पर सक्रियता दिखाते हुए तैयारियां शुरू कर दी है। उल्लैखनीय है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले पंचायतो के परिसीमन की कार्रवाई को लेकर हाल ही में मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक परिपत्र जारी कर निर्देश दिए है कि न्यूनतम 1 हजार से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम एवं ग्राम के समूहो को सम्मिलित कर नई पंचायतो का गठन किया जाए। चूंकि पेटलावद विकासखण्ड में भी ऐसे कई ग्राम थे, जहां न्यूनतम 1 हजार से अधिक जनसंख्या थी, इस लिहाज से यहां भी परिसिमन कार्य होना है।

जानकारी के मुताबिक पेटलावद विकासखण्ड में कुल 77 पंचायतो में परिसिमन कार्रवाई के दौरान ऐसी 22 नई पंचायतो के गठन की कार्रवाई की गई है। जिसमें कुल 36 गांवो को चुना गया है। फिलहाल अभी इनके गठन में समय लगेगा, क्योकि शासन की अपनी एक प्रक्रिया है। अभी इसमें दावे-आपत्ति ली जाएंगी उसके बाद इन पंचायतो का गठन किया जाएगा। इसके बाद इन 22 नई पंचायतो को मिलाकल पेटलावद जनपद पंचायत की कुल 99 पंचायत हो जाएगी।

अभी यह प्रक्रिया चल रही है आगे यह होगा-

1 हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवो को पंचायत बनाने के लिए शासन स्तर पर 1 जुलाई से प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ग्राम पंचायतो के विस्थापन की सूची का प्रकाशन हो चुका है। अब 8 जुलाई तक इन नई पंचायतो के गठन संबंध प्रारंभिक प्रकाशन पर दावे, आपत्तियों एवं सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि रहेगी। इसके बाद 10 जुलाई को इन दावो-आपत्तियों और सुझावो पर निराकरण किया जाएगा। वहीं 12 जुलाई को इन दावे-आपत्तियो के निराकरण के उपरांत धारा 3 के अतर्गत ग्राम पंचायत के गठन का अंतिम प्रकाशन होगा। अंतिम प्रकाशन के बाद 18 जुलाई को ग्राम पंचायतो के वार्डो का निर्धारण व उनका प्रारंभित प्रकाश किया जाएगा और अंत में 23 जुलाई को इन वार्डो के प्रारंभित प्रकाश पर दावे आपत्तियों और सुझाव प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि रहेगी। ग्रामीणो को मिलेगी कई सुविधाएं, नही होना पड़ेगा परेशान-

जिन राजस्व गांवो की आबादी 1 हजार से अधिक है, उन्हें ग्राम पंचायत बनाने को चुना गया है। इसलिए पूर्व में घोषित बड़ी ग्राम पंचायतो को क्षैत्रफल कम हो जाएगा। वहीं नगठित पंचायत का दायरा भी सीमित होगा। इससे इन ग्राम पंचायतो के विकास और बेहतर हो सकेगा। इन नई पंचायतो के गठन से अगर किसी को फायदा पहुंचेगा तो वह है वहां ग्रामीणजन। नाली, सडक़, शिक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में आसानी होगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.