11 को सादगीपूर्ण माहौल में मनाया जाएगा हज़रत ओढ़ी वाले बाबा का उर्स; भीड़ में ज़ायरीनो के आने पर रहेगी रोक …

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झाबुआ Live Desk
अनलॉक 1 के फेस 2.0 की शुरुआत 8 जून से हो गई है और सभी धार्मिक स्थल भी खोल दिये गए है। पेटलावद में सर्वधर्म, अमन-चैन और कोमी एकता का प्रतीक शहंशाहे पेटलावद हजरत ओढ़ी वाले दाता रे.अ. (दादाजी) का सालाना उर्स 11 जून जुमेरात गुरुवार को चादर सन्दल पेश करकर मनाया जाएगा। हजरत दातार के मजार पर विगत 16 वर्षो से उर्स का प्रोग्राम किया जा रहा हैं, लेकिन इस बार उर्स धूमधाम से नही मनाया जाएगा।
गौरतलब है कि देश मे जारी कोरोना के कहर के चलते इस बार कोरोना उर्स को बड़े ही एहतिराम ओर सादगीपूर्ण तौर पर ही मनाने का उर्स कमेटी ने फैसला लिया है। इस दौरान बाहर से कोई भी जायरीन यहां नही पहुंचेंगे।
मुस्लिम समाज से ज्यादा आते थे अन्य धर्म के जायरीन:

पंपावती नदी के किनारे स्थित दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्म के लोगों के लिए भी आस्था और शांति-सोहार्द्र का केंद्र माना जाता है। यहां होने वाले उर्स में कई राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मन्नते लेकर आते हैं।
आपको बता दे कि पूरे झाबुआ जिले में पेटलावद का उर्स सबसे भव्य और विशेष तौर पर मनाया जाता रहा है। यहां हर वर्ष इस मौके पर हजारों ज़ायरीनों की भीड़ उमड़ती रही है। पाबंदियों की वजह से दरगाह कमेटी की ओर से ज़ायरीनों को उर्स के दिन दरगाह परिसर में आने से मना कर दिया गया है।
उर्स कमेटी के मीडिया प्रभारी सलमान शैख़ ने बताया 11 जून को आयोजित होने वाले उर्स में ज़ायरीनों को भीड़ में आने की अनुमति नहीं रहेगी। इस मौके पर उर्स कमेटी के कुछ पदाधिकारी ही दरगाह पर गुरुवार को अलसुबह 4 बजे सन्दल पेश करेंगे। इसके बाद सुबह 8 बजे कुरआन ख्वानी ओर फातेहा होगी। शाम को 5 बजे उर्स कमेटी के सदस्य राजापुरा में स्थित पुलिस वाले बाबा की दरगाह पर चादर पेश करने के बाद सीधे ओढ़ी वाले बाबा की दरगाह पर पहुंचेंगे जहां चादर पेश करकर फातेहा होगी। इसी के साथ उर्स का समापन भी हो जाएगा।

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