8 जून को होगा आचार्य श्री महाश्रमण का झाबुआ जिले की सीमा में आगमन; इस दिन पहुंचेंगे पेटलावद; तैयारियां जोरों-शोरो पर

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वे अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण का 8 जून को झाबुआ जिले की सीमा में प्रवेश होगा। वे इस दिन लाबरिया से विहार कर पेटलावद क्षेत्र के ग्राम धतुरिया में पहुंचेंगे। आचार्यश्री की अहिंसा यात्रा विभिन्न स्थानों से होते हुए आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में शांति, सद्भाव, अहिंसा, नैतिकता व नशा मुक्ति का संदेश देने के लिए आचार्यश्री क्षेत्र में पदयात्रा करेंगे। पेटलावद में मंगल प्रवेश के लिए समाजजनों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। आचार्यश्री के आगमन से पहले पूरे पेटलावद नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। रंगीन पताकाओं को डिवाइडर के हर खम्बो पर लगाया जा रहा है, वहीं फ्लैक्स बैनर भी लगाए जा रहे है।
गौरतलब है कि आचार्यश्री जनकल्याण के उद्देश्य से देश के 23 राज्य सहित नेपाल, भूटान में भी पदयात्रा कर चुके हैं। उन्होंने अब तक 50 हजार किमी से ज्यादा की पदयात्रा की है। आचार्यश्री की प्रेरणा से एक करोड़ से ज्यादा लोग नशामुक्ति का संकल्प ले चुके हैं। वहीं आचार्यश्री की अहिंसा पदयात्रा 9 नवंबर 2014 को दिल्ली के लाल किले से शुरू हुई थी। नेपाल, आसाम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ आदि स्थानों से होते हुए मप्र में चल रही है। आचार्यश्री इस पदयात्रा के माध्यम से 15 हजार किमी पदयात्रा कर चुके हैं। आचार्यश्री को प्रदेश सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया है।

8 को जिले की सीमा में तो 11 को पेटलावद-
पेटलावद क्षेत्र में आचार्यश्री महाश्रमण 7 जून को धतुरिया में प्रवेश करेंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण कोई आयोजन नहीं होगा। 8 जून को झकनावदा, 9 बोलासा, 10 को रायपुरिया, 11 से 13 जून को पेटलावद, 14 को बामनिया, 15 को करवड़, 16 को रानीसिंग होते हुए 22 से 24 जून तक रतलाम क्षेत्र में धर्म प्रभावना करेंगे।
अहिंसा यात्रा के ये हैं तीन उद्देश्य-
1. सद्भावना का प्रसार
2. नैतिकता का प्रचार-प्रसार
3. नशामुक्ति अभियान
(किसी भी धर्म-जाति, वर्ग, संप्रदाय का व्यक्ति अहिंसा यात्रा में सहभागी बन सकता है। वह यात्रा में दो रूपों में जुड़ सकता है। वह खुद अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करे। साथ ही दूसरों को अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करने के लिए प्रेरित करे।)
सैकड़ों साधु-साध्वी, हजारों लोग आचार्यश्री की प्रेरणा से समाज उत्थान में लगे हैं-
– आचार्य महाश्रमण जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अनुशास्ता हैं।
– आचार्यश्री अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य तुलसी के प्रेक्षा प्रणेता आचार्य महाप्रज्ञ के उत्तराधिकारी हैं।
– आचार्यश्री के नेतृत्व में 800 से ज्यादा साधु-साध्वी, 40 हजार से ज्यादा युवा कार्यकर्ता, 60 हजार से ज्यादा मातृशक्तियां, 10 हजार से ज्यादा प्रोफेशनल कार्यकर्ता और लाखों अनुयायी समाज उत्थान के कार्य निरंतर कर रहे हैं। वे लोगों को इस दिशा में जागरूक भी कर रहे हैं। कुरीतियां दूर करने की दिशा में भी लगातार पहल कर रहे हैं।
– अहिंसा यात्रा पर नेपाल सरकार द्वारा डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है।

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