एक नजर:
– 320 साल पुरानी है दरगाह
– कई राज्यों के जायरिन शामिल होते हैं उर्स में
– तीन दिन तक होंगे अलग-अलग आयोजन
– कई बुजुर्ग सूफी-संतो का होगा प्रवेश …
सलमान शैख@ झाबुआ Live
पेटलावद। सर्वधर्म, अमन-चैन और कोमी एकता का प्रतीक शहंशाहे पेटलावद हजरत ओढ़ी वाले दाता रे.अ. (दादाजी) के सालाना उर्स का आगाज 2 जून से होगा। इस दौरान हजरत के आस्ताने पर जायरिन अपनी मन्नतो को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में इकठ्ठे होंगे।
बुधवार रात को सालना उर्स को लेकर एक बैठक का आयोजन अनुजन कमेटी सहित समाजजनो द्वारा रखा गया जिसमें सर्वसहमति से सलीम शेख उर्फ भय्यू शेख़ को सदर नियुक्त किया गया। इसके साथ ही अमजद खान को उपसदर बनाया गया। इसके साथ ही सचिव के पद को यथावत रखा गया, जो जिम्मेवारी सलमान शेख को दी गई है। अंजुमन कमेटी सदर राहिल रजा मंसूरी और अन्य पदाधिकारियों और समाजजनों ने इन नामों पर मुहर लगाई और मुबारकबाद दी। इस बार उर्स कमेटी का नाम सभी की सहमति से सर्व समाज उर्स कमेटी रखा गया। जो एक अनूठी पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मुस्लिम समाज से ज्यादा आते हैं अन्य धर्म के जायरीन:
पंपावती नदी के किनारे स्थित दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि अन्य धर्म के लोगों के लिए भी आस्था और शांति-सोहार्द्र का केंद्र माना जाता है। यहां होने वाले उर्स में कई राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मन्नते लेकर आते हैं। उर्स 4 जून तक चलेगा। तीन दिनों तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। रात में कव्वाली की महफिल सजेगी। इसमें मध्यप्रदेश और राजस्थान की कव्वाल पार्टियां हजरत की शान में कलाम पेश करेंगी।
पूरी होती हैं जायज तमन्ना:
हजरत ओढ़ी वाले दाता की दरगाह करीब 320 साल पुरानी प्राचीन बताई गई है। उनका मजार कदीमी होकर हर जाति व धर्म को मानने वाले यहां अपनी जायज तमन्नाओं को लेकर आते है और मुराद पूरी होने पर अकीदत के फूल चढ़ाते हैं। हजरत के उर्स की महफिल की रौनक बढ़ाने के लिए कई बुजुर्ग और सूफी-संत यहां तशरीफ ला रहे हैं। बाबा के आस्ताने का नूरानी और चिश्ती स्वरूप हर किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। हजरत दातार के मजार पर विगत 18 वर्षो से उर्स का प्रोग्राम किया जा रहा हैं। विगत दो वर्षो से उर्स केवल ओपचारिक तौर पर ही किया जा रहा है, लेकिन इस बार बाबा का उर्स शनोशोकत से मनाया जाएगा।
उर्स में पहली बार एक बड़े और बुजुर्ग संत का होगा आगमन-
बता दे कि इस बार उर्स में एक बड़े संत फकीर का आगमन भी होगा। यह संत मकनपुर (यूपी) में स्थित हजरत बदीउद्दीन शाह मदार जिंदा शाह मदार रे.अ. के गुलाम है, जिनका नाम ताजदारे मलंगा सैय्यद मासूम अली शाह मलंग मदारी है। इनकी उम्र 112 साल है और ये बुजुर्ग हस्ती पहली बार पेटलावद में प्रवेश कर रही है। यही नहीं आसपास के जिलों में अभी तक इनका आगमन नहीं हुआ था। पेटलावद जेसी छोटी जगह पर इतने बड़े संत का आगमन कहीं न कहीं पेटलावद की सरजमीं के लिए एक बहुत बड़ी खुशनसीबी की बात है। उनके साथ उनके बालके फ़ख़रे मलंगा सैय्यद रफ़ीक अली बाबा मलंग भी मौजूद रहेंगे।
लाल बाबा की गादी होगी रोशन-
मालवा-निमाड़ से लेकर महाराष्ट्र-राजस्थान सहित अन्य जगहों पर लोगो को सभी धर्मो का पाठ पढ़ाने वाले हज़रत लाल बादशाह की गादी शरीफ भी पेटलावद में उनके तमाम चाहने वाले हिंदू-मुस्लिम भाइयों द्वारा इस बार रोशन की जा रही है। बता दे कि विगत 4 साल पहले लाल सरकार ने दुनिया से पर्दा ले लिया था, इसके बाद उनका आस्ताना ए मुबारक रूणिजा गांव (बड़नगर के पास) में बनाया गया है। इस कार्यक्रम की भी तैयारी सभी अपने स्तर पर कर रहे है।
जोर-शोर से की जा रही हैं आस्ताने पर तैयारियां:
उर्स कमेटी के सदर सलीम शेख और उपसदर अमजद लाला ने संयुक्त रूप से बताया कमेटी के सदस्यों द्वारा उर्स के लिए तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। दरगाह पर आकर्षक रोशनी की जाएगी। जायरिनों के लिए पानी की व्यवस्था अलग से रहेगी। उर्स में साउंड पेटलावद और रतलाम के कलाकारो द्वारा लगाया जाएगा। सर्व उर्स कमेटी ने उर्स में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करने का आह्वान किया है।
यह होगा आस्ताने औलिया पर:
2 जून: सुबह 8 बजे आस्ताने औलिया पर कुरआन ख्वानी होगी। शाम को असर की नमाज के बाद गैबनशाह वली दाता (हुसैनी चौक) के आस्ताने से चादर शरीफ का जुलूस निकलेगा। जुलूस में जावेद सरफराज चिश्ती कव्वाल द्वारा कोमी एकता और हजरत की शान में एक से बडकर एक कलाम पेश किए जाएंगे। जुलूस नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए आस्ताने औलिया पर पहुंचेगा। जहां संदल और चादर पेश की जाएगी। रात 8 बजे ताजदारे मलंगा हजरत मासूम अली शाह मलंग और उनके बालके हजरत रफीक अली शाह मलंग मोला की शान में तकरीर फरमाएंगे।
3 जून: रात 8 बजे बाद शुरू होने वाले महफिले सिमां कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध कव्वाल यूसुफ फारुख (जावरा) ओर सदाकत साबरी कपासन (राजस्थान) की कव्वाल पार्टियां प्रस्तुति देगी।
4 जून: सुबह 9 बजे महफिले रंग व कुल की फातेहा होगी। इसमें यूसुफ फारुख कव्वाल पार्टी रंग पढ़ेगी। दोपहर बाद लंगर (विशाल शुद्ध शाकाहारी भंडारे) का आयोजन किया जाएगा।