झाबुआ। देश में नवीन अधिनियम भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रवर्तन के एक दिवस पूर्व पुलिस लाईन झाबुआ स्थित सामुदायिक भवन में विचार वार्ता का आयोजन पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल के मार्गदर्शन में किया गया।
विधि विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि ईश्वर सहाय श्रीवास्तव, पूर्व न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय, विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, डॉ. प्रभु नारायण मिश्र, जिला प्रधान न्यायाधीश विधि सक्सेना, सत्र न्यायाधीश सुनहरे, रजिस्ट्रार न्यायाधीश व्हीपीएस चौहान, विदुषी निवृत्ति मिश्रा, ख्यात समाजसेवी मधुलिका शुक्ल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमलाल कुर्वे सहित अधिवक्ता संघ झाबुआ के दीपक भंडारी सहित जिले के गणमान्य नागरिक, अधिवक्ता समाजसेवी, पत्रकारगण, पुलिस अधिकारीगण की गरिमामयी उपस्थिति रही।

उन्होंने कहा कि नई विधि प्रावधानों में महिला, वृद्ध, बालक को नए ढंग से परिभाषित किया जाकर इस वर्ग के प्रति अपराध की रोकथाम तथा अपराध होने पर त्वरित न्याय की व्यवस्था की गई है। अब जीरो पर एफआईआर दर्ज तो होगी ही साथ ही E-FIR भी दर्ज कराई जा सकेगी। महिला, वृद्ध व बच्चों से उनकी सुविधा के स्थान पर पूछताछ की व्यवस्था नए कानूनी प्रावधानों में है। देश के बाहर बैठे या देश के भगोड़े अपराधियों के विरुद्ध उनकी अनुपस्थिति में मामले का विचारण होकर दण्ड सुनाया जा सकेगा। जिससे ऐसे उद्घोषित अपराधियों को दोषसिद्ध किया जाकर उनका विदेश से प्रर्त्यपण आसान होगा। अपराध और आतंकवाद को भी परिभाषित किया गया है। इन कानूनों को एक ओर बड़ी व्यवस्था जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता, वो है कानून को लिंगभेद से परे किया गया है। अब इलेक्ट्रानिक डिवाईस के माध्यम से निर्मित डिजीटल डाक्यूमेंट को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में ग्रहण किया जायेगा।
Comments are closed.