सरपंच की उदासीनता से ग्राम में गंदगी के लगे ढेर, स्वच्छता अभियान को लगा पलीता

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झाबुआ लाइव के लिए उमरकोट से सरफराज खान की रिपोर्ट-
प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को सुदूर ग्रामीण अंचलों में किस तरह से पलीता लगया जाता है। इसकी बानगी देखना हो तो झाबुआ जिले की सुदूर ग्राम पंचायत उमरकोट में देखा जा सकता है जहां सरपंच-सचिव मिलकर स्वच्छता अभियान को पलीता लगा रहे है। साथ ही ग्राम में स्वच्छता अभियान के सकारात्मक परिणाम की जगह नकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं जगह-जगह ग्राम में गंदगी फैली है और तो और ग्राम पंचायत भवन में कई दिनों से साफ-सफाई नहीं होने से कचरे ढेर नजर आ रहे हैं। ग्राम पंचायत सचिव राजेंद्र पंचाल सप्ताह एक या दो दिन ग्राम में आते हैं बाकी समय वे कालीदेवी में गुजारते हैं। वहीं सफाई कर्मी भी नहीं है जिससे गंदगी के ढेर ग्राम में बढ़ते जा रहे हैं। जब इंजीनियर मंडलोई से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि 16 रुपए प्रति दिन मजदूरी के है। अब 16 रुपए प्रतिदिन मजदूरी कौन करेगा यह आसानी से समझा जा सकता है। वही उपसरपंच आनंदीलाल पटेल का कहना है कि भारत सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर योजनाएं चला रही है लेकिन अंचलों में इसके विपरीत जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं देने से गंदगी व कचरे के ढेर बढ़ रहे हैं। गौरतलब है कि उमरकोट में भाजपा समर्थित सरपंच होने के बावजूद भी यहां साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना सरपंच की उदासीनता को दर्शाता है।

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