शिक्षकों की दक्षता परीक्षा के विरोध में ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका…

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झाबुआ Live Desk

हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों एवं उनके पोषक शालाओं के शिक्षकों की दक्षता परीक्षा के विरोध में ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा अन्य शिक्षक संगठनों के साथ पूरे प्रदेश के जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय में 23 दिसंबर बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा वहीं एसोसिएशन ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में शिक्षकों की दक्षता आकलन परीक्षा व संभावित कार्यवाही के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की है माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी 20639 /2020 ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा डीके सिंगौर प्रदेश अध्यक्ष में कहा है कि विद्यालयों के 40% से कम परीक्षा परिणाम के लिए सीधे शिक्षक जिम्मेदार नहीं है इस तरह संपूर्ण योग्यता रखने वाले चयन प्रक्रिया के द्वारा चयनित हुए शिक्षकों की प्रति वर्ष परीक्षा लेना कतई भी उचित नहीं है परीक्षा परिणाम के लिए दूसरे फैक्टर जैसे सरकारी विद्यालय में शिक्षकों की कमी, लगभग 80% विद्यालयों में रिक्त पड़े प्राचार्य के पद ,भौतिक संसाधनों की कमी और औसत से अधिक संख्या में कक्षा में छात्र संख्या, प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में बच्चों को फेल नहीं करना, बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति आदि कारण जिम्मेदार है याचिका में कहा गया है कि हॉजपॉज परीक्षा को आधार बनाकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति जैसी कार्यवाही करना सर्वथा अनुचित है याचिका में कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम के लिए हाई स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना और कक्षा दसवीं के परीक्षा परिणाम के लिए केचमेंट एरिया के मिडिल स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना इसे भी अनुचित बताते हुए चैलेंज किया गया है और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के 14 दिसंबर के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है याचिका में मांग की गई है कि परीक्षा परिणाम के आधार पर याचिका के लंबित रहते किसी भी शिक्षक के खिलाफ कोई एडवर्स एक्शन ना लिया जाए । याचिका में कहा गया है कि गत वर्ष इसी प्रकार की परीक्षा के आधार पर 16 शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही का भी हवाला दिया गया है और लंबित याचिका जिसकी अंतिम सुनवाई 11 जनवरी को है का उल्लेख भी किया गया है याचिका एडवोकेट कैलाश चंद्र घिल्डियाल के माध्यम से दायर की गई है ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर ने बताया कि गत वर्ष इसी प्रकार परीक्षा के आधार पर 16 निर्दोष शिक्षकों को बिना कारण बताए 20-50 फार्मूले के अंतर्गत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी जिसमें शैलेंद्र मिश्रा जो 31 जनवरी को खंडवा से रीवा स्थानांतरण हो कर आए थे खंडवा का उन का परीक्षा परिणाम 60% था और उत्कृष्ट कार्यों के लिए खंडवा कलेक्टर के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका था साथ ही उनके पिछले 5 वर्षों का परीक्षा परिणाम 60% से ऊपर ही रहा है लेकिन फरवरी माह में रीवा स्थानांतरण के आधार पर उन्हें रीवा का परीक्षा परिणाम थोप दिया गया और जबरन परीक्षा में बैठा कर और फेल बता कर बिना कोई स्पष्टीकरण मांगे 20-50 के अंतर्गत अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई थी उक्त कार्यवाही को लेकर शिक्षकों में भय का माहौल था इसी के चलते एसोसिएशन को हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी है,उक्त जानकारी जिला संयोजक जसवंत सिंह डामोर ओर हेमन्द्र सिंह परमार द्वारा दी गई।

 

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